श्रीलंका में सांप्रदायिक हिंसा, दो लोगों की मौत, घर, दुकानें जलाई

कैंडी, श्रीलंका के कैंडी शहर में भड़की सांप्रदायिक हिंसा के पूरे देश में फैल गई है। हिंसा में अब तक 2 लोगों के मारे जाने की खबर है। श्रीलंका सरकार ने हिंसा पर लगाम लगाने के लिए देश में आपातकाल लगा दिया है। कैंडी में हिंसा उस समय भड़क उठी जब एक बौद्ध अनुयायी की हत्या कर दी गई और मुस्लिम व्यापारी को आग के हवाले कर दिया गया। इसके बाद भड़की हिंसा ने सांप्रदायिक रूप ले लिया। स्थिति पर नियंत्रण के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया है। हिंसा के दूसरे शहरों में बढ़ने के कारण सरकार ने इमरजेंसी लगा दी है। हिंसा पर नियंत्रण के लिए दो दर्जन से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इस हिंसा में मुस्लिम समुदाय से जुड़ी चीजों पर हमले किए जा रहे हैं। कैंडी के स्थानीय विधायक हिदायथ साथथार ने बताया कि हिंसा के दौरान अब तक 4 मस्जिद, 37 घर, 46 दुकानें और 35 वाहनों को नुकसान पहुंचाया जा चुका है।
पूरे घटनाक्रम पर संसद में बोलते हुए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे ने बताया कि ड्राइवर की मौत के बाद स्थानीय बौद्ध और मुस्लिम समुदाय के बड़े बुजुर्ग बातचीत के जरिए तनाव को कम करने में लगे हुए हैं। हिंसा फैलाने में बाहरी तत्वों का हाथ है। बाहर से आए लोगों ने हिंसा भड़काई और सुनियोजित तरीके से तोड़फोड़ को अंजाम दिया। हाल के दिनों में देश में मुस्लिम विरोधी हिंसा बढ़ी है। देश की बहुसंख्यक आबादी सिंघली बौद्धों की है और वे राष्ट्रवाद को बढ़ावा दे रहे हैं। एक हफ्ते पहले ट्रैफिक रेड लाइट पर विवाद के बाद कुछ मुस्लिम युवाओं ने एक बौद्ध युवक की पिटाई की थी और तभी से वहां तनाव बना हुआ है। इसी तरह देश के पूर्वी शहर अमपारा में मुस्लिम विरोधी हिंसा हुई थी।
अमूमन शांत कहे जाने वाले श्रीलंका में 2012 से ही सांप्रदायिक तनाव की माहौल बना हुआ है। कुछ कट्टरपंथी बौद्ध समूहों का आरोप है कि वहां जबरन धर्म परिवर्तन कराने और बौद्ध मठों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। 2014 में कट्टरपंथी बौद्ध गुटों ने तीन मुसलमानों की हत्या कर दी थी जिसके बाद गाले में हिंसा भड़क उठी थी। 2009 में सेना के हाथों तमिल विद्रोहियों की हार के बाद से श्रीलंका का मुस्लिम समुदाय एक तरह से सियासत से दूर रहा है, लेकिन उस पर हमले बढ़े हैं।

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