भोपाल,विजयराघवगढ़ की रानी साहिबा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर किले की देखरेख पुरातत्व विभाग को सौंपने के लिए कहा है। यदि सरकार किले की देखरेख नहीं कर सकती है तो उसे वापस करे।
उल्लेखनीय है, विजयराघवगढ़ का किला 1857 के आजादी की लड़ाई का प्रतीक है जो वास्तु वैभव का भी अद्भुत नमूना है। 1984 में मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह के आग्रह पर राज परिवार ने इसे मध्यप्रदेश शासन को संरक्षित करने के लिए सौंप दिया था।इस किले को मध्यप्रदेश शासन पर्यटन विभाग को देने जा रही है। राज परिवार की रानी सोम प्रभा हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अपना विरोध दर्ज कराया है।
उल्लेखनीय है, कि विजयराघवगढ़ रियासत के राजा प्रयाग दास ने 1826 में इस किले का निर्माण कराया था। उनके पुत्र राजा सरयू प्रसाद ने 1857 में इसी किले से अंग्रेजों के खिलाफ बगावत शुरू की थी। वह भारत में ऐसे पहले शख्स थे।जिन्होंने अंग्रेज कमिश्नर पर गोली चलाई थी। अंग्रेजों ने राजा सरयू प्रसाद को काला पानी की सजा दी थी, और वह वहीं शहीद हो गए थे।
रानी सोम प्रभा ने अपने पत्र में लिखा है कि किले के अंदर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम विराजे हुए हैं। यहां पर ब्रह्म चबूतरा है। जो उनकी धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र है इसके साथ ही स्वतंत्रता इतिहास से जुड़ा हुआ यह स्मारक यदि पर्यटन विभाग को शासन देगी, तो इस का ऐतिहासिक महत्व खत्म हो जाएगा। उन्होंने पर्यटन विभाग के स्थान पर पुरातत्व विभाग को किला सौंपने की मांग की है। अन्यथा राज परिवार को वापस किए जाने का अनुरोध किया है।