धर्मशाला,तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा के भारत में शरणार्थी के रूप में 60 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में दिल्ली में मनाए जाने वाले थैंक्यू इंडिया कार्यक्रम के धर्मशाला शिफ्ट होने के बाद निर्वासित तिब्बत सरकार और समुदाय सकते में है। कार्यक्रम धर्मशाला शिफ्ट क्यों किया, इसकी वजह बताने को लेकर निर्वासित तिब्बत सरकार ने चुप्पी साध ली है।
निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रवक्ता सोनम नोरबू ने बताया कि भारत और चीन के बीच संबंध पूरी दुनिया और दक्षिण एशिया के लिए महत्वपूर्ण हैं। हमें नहीं लगता है कि थैंक्यू इंडिया कार्यक्रम को लेकर भारत सरकार चीन के दबाव में है। केंद्र की ओर से कथित निर्देशों का तिब्बती आंदोलन पर कोई असर नहीं पड़ेगा।
कार्यक्रम को अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम धर्मशाला में मनाने की तैयारी की जा रही है। निर्वासित तिब्बत सरकार ने स्टेडियम के प्रबंधन से 31 मार्च को कार्यक्रम के आयोजन को लेकर बातचीत की है। स्टेडियम में भारत सहित दुनिया भर में रहने वाले तिब्बती शरणार्थी भारत का शुक्रिया अदा करेंगे, लेकिन स्थल चयन को लेकर अभी तक अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है।
इसकी पुष्टि एचपीसीए प्रवक्ता संजय शर्मा ने की है। मार्च 31 को राजघाट दिल्ली में दलाईलामा सहित विभिन्न धर्मों के ग्रुपों की उपस्थिति में भव्य आयोजन होना था। 10 दिसंबर तक विभिन्न क्षेत्रों में थैंक्यू इंडिया कार्यक्रम आयोजित होना था।
निर्वासित पीएम ने बनाई मीडिया से दूरी
केंद्र सरकार की ओर से वरिष्ठ मंत्रियों को जारी हुए नोट के बाद निर्वासित तिब्बत सरकार के प्रधानमंत्री डॉ. लोबसंग सांग्ये आनन-फानन में दिल्ली पहुंचे। यहां बातचीत के बाद सांग्ये धर्मशाला लौट आए। धर्मशाला में उन्होंने मीडिया से दूरी बनाए रखी। निर्वासित तिब्बत सरकार में सूचना एवं अंतरराष्ट्रीय संबंध मामलों के विभाग के सचिव धारडोन शारलिंग ने कहा कि थैंक्यू इंडिया कार्यक्रम धर्मशाला शिफ्ट किया गया है। इसके पीछे क्या कारण हैं, इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को ही है।
दलाईलामा दफ्तर ने साधी चुप्पी
केंद्र सरकार के निर्देशों के बाद कार्यक्रम स्थल शिफ्ट हाने पर दलाईलामा दफ्तर ने भी चुप्पी साध ली। धर्मगुरु दलाईलामा के निजी सचिव तेंजिन टाकला ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजन का प्रबंध केंद्रीय तिब्बती प्रशासन ही कर रहा है। दलाईलामा दफ्तर इसमें शामिल नहीं है। कार्यक्रम में जाने का निमंत्रण मिला तो वह जरूर जाएंगे।