भोपाल,राज्य विधानसभा में आज आदिवासियों की भूमि को नामांतरित करने के मामले में दोषी पाए गए झाबुआ जिले की मेघनगर तहसील के एक पटवारी को निलंबित करने की घोषणा राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने की। विधानसभा में प्रश्नोत्तरकाल के दौरान विधायक कल सिंह भाबर द्वारा पूछे गए प्रश्न के उत्तर में श्री गुप्ता ने जानकारी दी कि जांच में दोषी पाए गए पटवारी के खिलाफ एफआईआर करवाने के निर्देश भी दिए गए हैं। साथ ही राजस्व मंत्री ने यह घोषणा भी की कि ऐसे अन्य मामलों की जांच भी की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई भी होगी। प्रश्नकर्ता विधायक कल सिंह भाबर ने प्रश्न उठाते हुए शिकायत की की थी कि झाबुआ जिल के मेघनगर तहसील में आदिवासियों की जमीन अचानक सामान्य वर्ग के नाम पर आ गई। उन्होंने अधिकारी/कर्मचारियों पर मिलीभगत के आरोप लगाते हुए कहा कि ऐसे लोगों के खिलाफ कार्यवाही क्यो नहीं की गई। जवाब श्री श्री गुप्ता ने दोषी पाए गए पटवारी को विधानसभा में ही निलंबित करने की घोषणा की, साथ ही इस तरह के अन्य मामलों की जांच का आश्वासन भी दिया गया। पटवारी के खिलाफ एफआईआर कराने का आश्वासन भी दिया।
नहीं हुआ फसल नुकसान का आंकलन
राज्य विधानसभा में आज विधायक दीवान सिं विटठल पटेल ने सरकार पर फसल नुकसान का आंकलन सही मायनों में नहीं करने के आरोप लगाए, जिसे राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने यह कहते हुए खारिज कर दिया कि तीन विभागों के प्रतिनिधि के अलावा पंचायत सरपंच सचिव के उपस्थिति में सर्वे कराया गया है। फसल की आशिंक क्षति हुई है। इसीलिए मुआवजे का प्रावधान नहीं है। इससे पहले विधायक श्री पटेल ने कहा कि जिला बडवानी की के विकास खंड पानसेमल में तेज बारिश और आंधी तूफान से किसानों की खडी फसल को काफी नुकसान हुआ है, जिसका मुआवजा किसानों को नहीं मिला है। विधायक ने कहा कि प्रभावित क्षेत्र का उन्होंने स्वयं दौरा किया है। जवाब श्री गुप्ता ने कहा कि फसल सर्वे हो चुका है, फसलों का आंशिक नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि क्रषि एवं राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा विकासखंड पानसेमल के आधा दर्जन गांवों का सर्वे किया है। 25 प्रतिशत से कम नुकसान पर आर्थिक सहायता राशि का प्रावधान नहीं है।
अवैध कब्जों की जांच होगी
विधानसभा में आज सतना जिले के दो पटवारी हल्कों में अनुसूचित जाति जन जाति के लोगों को दी गई शासकीय भूमि पर अवैध कब्जे करने का मामला गूंजा। यह मामला आज विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह द्वारा उठाते हुए मांग की कि मामले में दोषी लोगों पर एफआईआर होना चाहिए। मामले को प्रश्नोत्तरकाल के दौरान उठाते हुए उन्होंने सवाल किया कि तत्कालीन कलेक्टर एवं एसपी द्वारा एफआईआर करवाने पुलिस को पत्र लिखा गया, इसके बावजूद दोषियों पर एफआईआर क्यों नहीं की गई। प्रश्न के उत्तर में राजस्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कहा कि कलेक्टर का पत्र उन्हें नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि हम नेता प्रतिपक्ष की बातों से सहमत है और मामले की जांच संभागायुक्त से करवा लेंगे। मंत्री के जवाब से असंतुष्ठ श्री सिंह ने कहा कि इसकी जांच के लिए विधानसभा की सर्वदलीय समिति का गठन किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि इन दोनों पटवारी हल्के के दो गांवों में हजारों करोड का माइनिंग घोटाला हुआ है। ये दो गांव है सुनौरा और रामस्थान। उन्होंने सवाल दागा कि आखिर इस हजारो करोड के भ्रष्टाचार के पीछे कौन है जो दोषियों पर कार्रवाई करने से रोक रहा है। जवाब में श्री गुप्ता ने कहा कि मामले की चीफ सेक्रेटरी से जांच करवाकर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई कर दी जाएगी। सरकार के जवाब के बाद नेताप्रतिपक्ष संतुष्ठ दिखाई दिए।