बेंगलुरु,भाजपा का बेंगलुरु बचाओ अभियान विवाद से घिर गया है। पिछले गुरुवार को केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कर्नाटक कांग्रेस सरकार के खिलाफ एक ‘चार्जशीट’ जारी की थी, जिसमें सिद्दारमैया सरकार की विफलताएं दर्शाई गई थीं। इस चार्जशीट में जिन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया था, वे वास्तव में बेंगलुरू की थी हीं नहीं। इस गड़बड़ी को लेकर कांग्रेस को निशाने पर लिया है। पहली तस्वीर में सड़क पर कचरे का एक अंबार दिखता है। चार्जशीट में कहा गया कि ये हाल बना दिया है, इस शहर का। दूसरी तस्वीर में एक सड़क दिखती है, जिसमें कई गड्ढे दिख रहे हैं, जो किसी सड़क की दुर्दशा बताने के लिए काफी है। कांग्रेस के नवनियुक्त प्रवक्ता और विधान परिषद सदस्य रिज़वान अरशद ने दावा किया कि गड्ढे वाली तस्वीर मिज़ोरम की है, बेंगलुरु की नहीं। कचरे वाली तस्वीर काठमांडू की है।
भाजपा का एक स्पेशल सेल है, जो सिर्फ फोटोशॉप करके लोगों को बहकाने का काम करता है। कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए प्रदेश भाजपा प्रवक्ता ने गलती तो मानी लेकिन यह भी कहा कि “राज्य की सिद्धारमैय्या सरकार से जवाब फ़ोटो पर नहीं बल्कि भ्रष्टाचार और बिगड़ती कानून-व्यवस्था जैसे चार्जशीट में लगाए गए आरोपों का मांगा जा रहा है। भाजपा ने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने तुमकर में सोलर पावर परियोजना के लिए “सरकारी विज्ञापन में जिस तस्वीर का इस्तेमाल किया है वह वास्तव में तुर्की है।
इस पर रिज़वान अरशद की सफाई दी कि तमकुर में लगा सोलर पावर प्रोजेक्ट तुर्की से बड़ा है। ऐसे में हम छोटे प्रोजेक्ट की तस्वीर क्यों लगाएंगे। जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं वैसे- वैसे दोनों पार्टियों के बीच नोकझोंक बढ़ती जा रही है। इन सबके बीच भाजपा ने इन आरोपों के बाद बेंगलुरु में बेंगलुरु बचाओ अभियान की शुरुआत की है।
शहर के सभी 28 विधानसभा क्षेत्रों में हर रोज़ दो विधानसभा क्षेत्रों के हिसाब से 14 दिनों में इस अभियान को पूरा करने का इरादा रखती है। इसी तर्ज़ पर कर्नाटक में तटीय क्षेत्रों जैसे मेंगलोर उडुपी कारवार में भी ऐसे अभियान चल रहे हैं और मंगलवार को इसी अभियान को उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सम्बोधित करेंगे।