अशोकनगर, डिलीवरी के बाद पत्नी की मौत हो जाने से दुखी पति ने भी ट्रेन के सामने कूदकर आत्म हत्या कर ली। दोनों की यह चौथी संतान थी और पति के इस कदम ने बच्चों के सिर से मां के साथ ही पिता का साया भी छीन लिया। अब बच्चों को केवल उनकी दादी का सहारा है। ईसागढ़ के पास ग्राम मनकचौक निवासी गोविंद ओझा 40 शव रविवार सुबह करीब 10 बजे माता मंदिर के पास रेलवे ट्रेक पर पड़ा मिला। सूचना पर सुबह करीब 11.30 बजे पुलिस मौके पर पहुंची और शव की पहचान कर पीएम के लिए जिला अस्पताल लाया गया। जहां पता चला कि कुछ देर पहले ही उसकी पत्नी की मौत हो गई है। जिसका सदमा वह बर्दाश्त नहीं कर सका और मौत की खबर मिलने के बाद से ही गायब था।
आठ माह का गर्भ था:
मृतक गोविंद की पत्नि सुमन 35 आठ माह की गर्भवति थी। रविवार सुबह 6 उसे प्रसव पीड़ा हुई तो घर वालों ने जननी का फोन लगाया। लेकिन इससे पहले की वाहन उसके घर तक पहुंच पाता सुबह करीब 6.30 बजे सुमन की डिलीवरी हो गई। इसके बाद उसे ईसागढ़ अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डाक्टर ने खून की कमी बताई और उसकी पल्स भी कम चल रही थी। सुबह 8.30 बजे उसे जिला अस्पताल रैफर किया गया। लेकिन रास्ते में विजयपुरा के पास उसके शरीर में हलचल बंद हो गई। जिला अस्पताल में सुबह करीब 9.30 बजे डाक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया।
नर्सों की हड़ताल से संकट बढ़ा:
डाक्टर के अनुसार सुमन का गर्भ आठ माह का था और उसके बच्चा भी कमजोर है। बच्चे का वजन महत 1 किलो 400 ग्राम ही है और उसे एसएनसीयू में रखा गया है। बच्चे को सांस लेने में तकलीफ हो रही है और उसके बचने की संभावना भी कम है। वहीं एसएनसीयू की नर्सों के हड़ताल ने भी बच्चे के जीवन पर संकट खड़ा कर दिया है।
मोबाइल देकर हो गया था गायब:
गोविंद अपनी पत्नी की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर सका। जैसे ही उसकी पत्नि की मौत के बारे में उसे बताया गया, तो वह उदास हो गया। जैसे-तैसे उसे बुलाकर दस्तावेजों पर साइन लिए गए। इसके बाद वह एक बच्चे को मोबाइल देकर कहीं चला गया। कुछ देर बाद उसका शव रेलवे लाइन के पास मिलने की जानकारी लगी।
कैसे होगी परवरिश:
सुमन व गोविंद के चार बच्चे हैं। मां की असामयिक मौत के बाद पिता भी उनसे हाथ छुड़ाकर इस दुनिया को अलविदा कह गया। करीब छह दिन पहले गोविंद के भाई अमरसिंह की भी मौत हो चुकी है और एक भाई एक्सीडेंट में घायल होने के कारण घर पर है। दूसरा भाई अमरसिंह की थाली उठाने गया है। पति.पत्नि की मौत के बाद उनके बहन.बहनोई अस्पताल पहुंचे। दो बेटों और एक बहु के जाने के बाद अब परिवार के सामने चारों बच्चों के भरण पोषण की चिंता है।