नई दिल्ली,सुप्रीम कोर्ट के बाहर अयोध्या विवाद को सुलझाने की कोशिशों में जुटे आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने सोमवार को एक बार फिर इस मामले पर बड़ा बयान दे दिया है, उनका कहना है कि विवाद नहीं सुलझा तो देश सीरिया बन जाएगा। ऑर्ट ऑफ लिविंग के प्रमुख श्रीश्री रविशंकर पहले भी अयोध्या विवाद को कोर्ट के बाहर ही सुलझाने की वकालत करते रहे हैं और सोमवार को उन्होंने फिर इसीबात पर जोर दिया कि अयोध्या में राममंदिर मुद्दे को कोर्ट से बाहर ही सुलझाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा,यह मामला नहीं सुलझा तो देश सीरिया बन जाएगा। अयोध्या मुस्लिमों का धार्मिक स्थल नहीं है। उन्हें इस धार्मिक स्थल पर अपना दावा छोडकर मिसाल पेश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि फैसला कोर्ट से आया तो भी कोई राजी नहीं होगा। अगर फैसला कोर्ट से होगा तो किसी एक पक्ष को हार स्वीकार करनी पड़ेगी। फैसले के बाद हालात में हारा हुआ पक्ष अभी तो मान जाएगा, लेकिन कुछ समय बाद फिर बवाल शुरू होगा। जो समाज के लिए अच्छा नहीं होगा। इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि कुछ लोग उनके प्रयास की आलोचना कर रहे हैं क्योंकि वो विवाद को बढ़ाना चाहते हैं। मंदिर स्थल पर अस्पताल बनाने का सुझाव बेवकूफी भरा है। और भगवान राम को किसी दूसरे स्थान पर पैदा नहीं कराया जा सकता।
श्रीश्री रविशंकर ने मौलाना सलमान नदवी का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें इस प्रकरण पर किसी भी तरह से पैसे का ऑफर नहीं दिया गया है। यह वही नदवी हैं जिन्होंने कोर्ट से बाहर सुलह समझौते का समर्थन किया था,जिनके सुझाव को मुस्लिम पसर्नल लॉ बोर्ड ने खारिज करते हुए बोर्ड से बाहर ही कर दिया। दूसरी ओर,8 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या विवाद की सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने सभी पक्षों को दो हफ्ते के अंदर मामले से जुड़े कागजात लाने को कहा था। मामले की अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी। सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर निर्देश दिया कि वह इस मामले की सुनवाई एक जमीनी विवाद के तौर पर ही करेगा, किसी भी धार्मिक भावना और राजनीतिक दबाव में सुनवाई को नहीं सुना जाएगा। हालांकि अयोध्या विवाद पर समझौते का नया फॉर्मूला सुझाने वाले मौलाना नदवी के सुर बदल गए हैं। मौलाना नदवी ने अब अपना रुख बदलते हुए विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने की वकालत की है। जबकि पहले वो आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर के साथ मिलकर कोर्ट के बाहर मसले का हल तलाशने की बात कर रहे थे।