नई दिल्ली,राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रतिनिधि सभा की नागपुर में नौ मार्च से होने वाली बैठक में संघ के करकार्यवाह का चुनाव किया जाएगा। प्रतिनिधि सभा की यह बैठक सन 2025 में संघ के शताब्दी वर्ष को देखते हुए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। संघ के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने बताया कि संघ के विभिन्न प्रांतों एवं क्षेत्र के प्रचारकों तथा प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण बैठक नागपुर में शुरू हो चुकी है, जबकि प्रतिनिधि सभा की बैठक 9 से 11 मार्च तक चलेगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सरसंघ चालक के बाद सरकार्यवाह का पद सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। संघ में सरकार्यवाह ही प्रशासनिक और सांगठनिक कामकाज पर नजर रखते हैं। संघ की स्थापना 27 सितंबर 1925 को नागपुर में केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। फिलहाल सरसंघ चालक मोहन भागवत हैं। सरसंघ चालक मनोनीत किए जाते हैं, जबकि सरकार्यवाह का चुनाव होता है। सरकार्यवाह का कार्यकाल तीन वर्ष का होता है।
इस समय संघ के सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी हैं और उनका कार्यकाल मार्च 2018 में पूरा हो रहा है। ऐसे में प्रतिनिधि सभा में सरकार्यवाह का निर्वाचन किया जाना है। समझा जाता है कि भैय्याजी जोशी स्वास्थ्य कारणों से अनिच्छा व्यक्त करते हैं तब वरिष्ठता के लिहाज से दत्तात्रेय होसबोले नए सरकार्यवाह हो सकते हैं। इसके साथ ही संघ के अलग अलग संगठनों में भी फेरबदल होने की संभावना है। पूरी कवायद का मकसद संघ के शताब्दी वर्ष यानी 2025 तक इसका पूरे देश में विस्तार करना है। प्रतिनिधि सभा बैठक में 1400 से अधिक प्रतिनिधि शामिल होने का अनुमान है, जो नए सरकार्यवाह के चुनाव में हिस्सा लेंगे। अब तक सर्वसम्मति से ही इनका चयन किया जाता रहा है।
उल्लेखनीय है कि भैय्याजी जोशी पिछले 9 सालों से सरकार्यवाह का पद संभाल रहे हैं। इससे पहले भैय्याजी जोशी सेवा भारती में कई साल बिता चुके हैं। सेवा भारती आरएसएस का आपदा प्रबंधन और सहायता समूह है। भैय्याजी जोशी सेवा प्रमुख का पद भी संभाल चुके हैं। मौजूदा संघ प्रमुख मोहन भागवत भी सन 2009 में सरसंघचालक बनने से पहले नौ साल तक सरकार्यवाह के पद पर रहे हैं। संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक हर साल होती है।
दो साल अन्य जगहों पर आयोजन के बाद हर तीसरे साल प्रतिनिधि सभा की बैठक संघ मुख्यालय नागपुर में होती है । यह संघ का सर्वोच्च नीति निर्धारक आयोजन होता है, जिसमें आगे के तीन सालों के लिए नेतृत्व के स्तर के साथ कार्य एजेंडे पर भी निर्णय लिया जाता है। संघ के एक पदाधिकारी ने बताया कि पिछले तीन साल हमने संगठन के विस्तार का एक कार्यक्रम चलाया है। हमारी दैनिक शाखाओं, साप्ताहिक बैठकों और मासिक मंडलियों में इस अवधि में 18 फीसदी वृद्धि हुई। तीन साल पहले हमारी 43,000 स्थानों पर ऐसी इकाइयां थीं जो अब बढ़कर 55,000 हो गई हैं। पदाधिकारी ने दावा किया, ‘‘ पिछले 10 साल से संघ का कार्य लगातार बढ़ा है। पिछले साल प्राथमिक शिक्षा वर्गो में एक लाख युवाओं ने पूरे देश में हिस्सा लिया।’’