नगालैंड में किसी को स्पष्ट बहुमत नहीं,भाजपा गठबंधन व एनपीएफ ने किया सरकार बनाने का दावा

दीमापुर,पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नगालैंड में हुए चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शानदार प्रदर्शन किया है। नगालैंड में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। इस लिए नई सरकार का गठन काफी दिलचस्प हो गया है। सत्ताधारी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग के नेतृत्व में 27 सीट जीत कर सबसे बड़े दल के रूप में उभरा है, लेकिन वह बहुमत से चार सीट पीछे है।
दूसरी ओर, भारतीय जनता पार्टी और एनडीपीपी गठबंधन के पास भी बहुमत नहीं है, हालांकि वह बहुमत के काफी करीब है। 60 सदस्यीय विधानसभा में गठबंधन के पास 30 सीटें हैं। वह बहुमत से मात्र एक सीट पीछे है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि राज्य में अगली सरकार किसकी बनती है। पार्टी की पूर्वोत्तर राज्यों में बड़ी जीत के बाद भारतीय जनता पार्टी के पूर्वोत्तर के पार्टी प्रभारी राम माधव ने अपने कार्यकर्ताओं को जमकर बधाई दी। उन्होंने कहा नगालैंड में एनडीपीपी-भाजपा गठबंधन ने 30 सीटें हासिल की हैं। निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन मिलने से हम राज्य में नई सरकार बनाने के और करीब आ गए हैं।
भाजपा गठबंधन को उम्मीद है कि उसे जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर जीतने वाले विधायक का समर्थन मिल जाएगा। जिससे राज्य में नई सरकार बनाना संभव होगा। एक सीट पर निर्दलीय प्रत्याशी को जीत मिली है। दूसरी ओर, मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग की पार्टी एनपीएफ भी सरकार बनाने की कवायद में जुटी हुई है। जेलियांग का कहना है कि उनकी पार्टी राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, ऐसे में सबसे पहले उसे ही सरकार बनाने का मौका मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा चुनाव में राज्य के लोगों ने उनके प्रति जो विश्वास प्रकट किया है, उसके लिए वह उनके आभारी हैं। नेफियू रियो की नवगठित पार्टी नेशनलिस्ट डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (एनडीपीपी) और भाजपा गठबंधन एक साथ चुनाव मैदान में उतरा था। भाजपा ने रियो को मुख्यमंत्री पद के लिए अपना दावेदार भी घोषित किया था, जो निर्विरोध चुनाव जीत गए। एनडीपीपी ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा, जबकि उसकी सहयोगी भाजपा ने 20 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। भाजपा को 12 सीटें हासिल हुईं जो उसका अब तक का सबसे शानदार प्रदर्शन है। पिछले चुनाव (2013) में उसे राज्य में महज एक सीट मिली थी। एनडीपीपी को 17 सीटें मिली हैं। अब देखना होगा कि राज्यपाल पीबी आचार्य राज्य में नई सरकार के गठन के लिए किसे सबसे पहले आमंत्रित करते हैं।

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