गांगुली ने भारतीय टीम को भाग्यशाली बताया

नई दिल्ली , पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट टीम बेहद भाग्यशाली है जिसे महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली जैसे कप्तान मिले हैं। गांगुली ने धोनी और विराट की सराहना करते हुए कहा कि कोहली काफी आक्रामक है, मैं भी ऐसा ही था, लेकिन अब कोहली शायद इसे एक कदम आगे ले गए हैं। कोहली की आक्रामकता दूसरे खिलाड़ियों पर से दबाव घटाने में मदद करती है। विराट अपनी जिंदगी की सबसे अच्छी फॉर्म में है। मैं समझता हूं कि जिस तरह से वह खेल रहे हैं, वह इस वक्त दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं। मेरे मन में उनके लिए काफी सम्मान है और मुझे विश्वास है कि वह भारतीय क्रिकेट को एक नए स्तर पर ले जाएंगे।
गांगुली ने कहा कि की इस टीम की तुलना पिछली टीमों से करने के लिए कुछ और समय देना चाहिये। उन्होंने कहा कि दो पीढ़ियों की तुलना करना बहुत कठिन होता है क्योंकि हर पीढ़ी ने गावस्कर, कपिल देव, तेंडुलकर जैसे चैंपियन दिए हैं और मैं समझता हूं कि कोहली इस पीढ़ी के चैंपियन है। तुलना करने से पहले भारतीय टीम की इस पीढ़ी को सात से आठ सालों तक का समय देना चाहिए क्योंकि हम 15 साल खेलने के बाद गांगुली, द्रविड़ या सचिन बन पाए थे। गांगुली ने आगे कहा, ‘कोहली और धोनी 10 से 11 सालों से खेले हैं, लेकिन रहाणे, रोहित या मुरली विजय को अभी चार या पांच साल ही हुए हैं। मैं उन्हें अभी थोड़ा और वक्त देता, फिर उनकी तुलना करता। मेरी पीढ़ी की मुख्य खासियत यह थी कि उस वक्त सहवाग, द्रविड़, सचिन, लक्ष्मण, गांगुली, हरभजन, कुंबले जैसे खिलाड़ी थे। वे 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेल चुके थे जो यह दर्शाता है कि वे बेहतरीन खिलाड़ी थे।’ उन्होंने कहा, ‘एक स्तर पर लंबे वक्त तक खेलने से पता चलता है कि आप कितने अच्छे खिलाड़ी हैं।’

गांगुली ने भारतीय टीम को भाग्यशाली बताया
नई दिल्ली , पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने कहा है कि भारतीय क्रिकेट टीम बेहद भाग्यशाली है जिसे महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली जैसे कप्तान मिले हैं। गांगुली ने धोनी और विराट की सराहना करते हुए कहा कि कोहली काफी आक्रामक है, मैं भी ऐसा ही था, लेकिन अब कोहली शायद इसे एक कदम आगे ले गए हैं। कोहली की आक्रामकता दूसरे खिलाड़ियों पर से दबाव घटाने में मदद करती है। विराट अपनी जिंदगी की सबसे अच्छी फॉर्म में है। मैं समझता हूं कि जिस तरह से वह खेल रहे हैं, वह इस वक्त दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाज हैं। मेरे मन में उनके लिए काफी सम्मान है और मुझे विश्वास है कि वह भारतीय क्रिकेट को एक नए स्तर पर ले जाएंगे।
गांगुली ने कहा कि की इस टीम की तुलना पिछली टीमों से करने के लिए कुछ और समय देना चाहिये। उन्होंने कहा कि दो पीढ़ियों की तुलना करना बहुत कठिन होता है क्योंकि हर पीढ़ी ने गावस्कर, कपिल देव, तेंडुलकर जैसे चैंपियन दिए हैं और मैं समझता हूं कि कोहली इस पीढ़ी के चैंपियन है। तुलना करने से पहले भारतीय टीम की इस पीढ़ी को सात से आठ सालों तक का समय देना चाहिए क्योंकि हम 15 साल खेलने के बाद गांगुली, द्रविड़ या सचिन बन पाए थे। गांगुली ने आगे कहा, ‘कोहली और धोनी 10 से 11 सालों से खेले हैं, लेकिन रहाणे, रोहित या मुरली विजय को अभी चार या पांच साल ही हुए हैं। मैं उन्हें अभी थोड़ा और वक्त देता, फिर उनकी तुलना करता। मेरी पीढ़ी की मुख्य खासियत यह थी कि उस वक्त सहवाग, द्रविड़, सचिन, लक्ष्मण, गांगुली, हरभजन, कुंबले जैसे खिलाड़ी थे। वे 100 से ज्यादा टेस्ट मैच खेल चुके थे जो यह दर्शाता है कि वे बेहतरीन खिलाड़ी थे।’ उन्होंने कहा, ‘एक स्तर पर लंबे वक्त तक खेलने से पता चलता है कि आप कितने अच्छे खिलाड़ी हैं।’

 

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