शिलांग,मेघालय विधानसभा चुनाव में 21 सीटें हासिल कर कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है, लेकिन उसे सरकार बनाने के लिए जरूरी स्पष्ट बहुमत नहीं मिला है। कांग्रेस ने राज्य में अपनी सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ शुरू कर दी है। कांग्रेस नेतृत्व गोवा और मणिपुर जैसी स्थिति फिर से नहीं दोहराना चाहता। दूसरी ओर भाजपा ने भी अन्य दलों के साथ मिल कर सरकार बनाने के लिए जोड़तोड़ शुरू कर दी है।
मेघालय कांग्रेस अध्यक्ष विंसेंट पाला और पार्टी महासचिव सीपी जोशी ने देर रात राज्यपाल गंगा प्रसाद से मुलाकात कर सरकार बनाने की दावेदारी पेश की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर बनकर उभरी है। इसलिए उसे सरकार बनाने के लिए निमंत्रित किया जाना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस विधानसभा में अपना बहुमत सिद्ध कर देगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल नाथ ने बताया कि हमने राज्यपाल को पत्र सौंप दिया है, जिसमें कांग्रेस पार्टी को सरकार बनाने के लिए निमंत्रण देने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य में हमारी सरकार बनने जा रही है। 60 सीटों वाली मेघालय विधानसभा में बहुमत के लिए 31 सीटें चाहिए। राज्य में सबसे ज्यादा 21 सीटें कांग्रेस को मिली हैं। इसके बाद भी उसे सरकार बनाने लायक बहुमत नहीं मिला है। वहीं दूसरी तरफ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को 19 सीटों पर जीत हासिल हुई है। एनपीपी ने भाजपा से अलग चुनाव लड़ा था, लेकिन बहुमत से पिछड़ने पर वह भाजपा से गठबंधन कर कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर सकती है।
बता दें कि यहां भाजपा को सबसे कम दो सीटें मिली हैं। इधर भाजपा ने कहा कि वह क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर गैर-कांग्रेसी सरकार बनाएगी। असम के वित्त मंत्री हेमंत विस्वा शर्मा ने कहा, सरकार बनाने के लिए हम क्षेत्रीय पार्टी एनपीपी को अपने साथ आने की अपील करेंगे। भाजपा ने राज्य की 47 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें उसे केवल दो सीटें ही मिली हैं।
भाजपा ने क्षेत्रीय दल यूडीपी, पीडीएफ और एनपीपी से बात करनी शुरु की है। अंतिम फैसला तो बाद में आएगा। हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा, भाजपा का मुख्य उद्देश्य यहां गैर कांग्रेसी सरकार बनाना है। एनपीपी ने 19 सीटों पर जीत हासिल की है। अन्य यूडीपी-एचएसपीडीपी ने आठ सीटों पर जीत हासिल की है।