बेंगलुरु, दिल्ली, पुणे, वाराणसी, हैदराबाद सहित देश भर में कई आतंकी धमाके कर करीब 149 लोगों की मौत और सैकड़ों लोगों को घायल करने का जिम्मेदार अहमद सिद्दीबापा उर्फ यासिन भटकल वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल नहीं होना चाहता। वह सुनवाई के दौरान कोर्ट में स्वयं उपस्थित होना चाहता है। भटकल ने कोर्ट से यह मांग करते हुए आतंकी अजमल कसाब का उदाहरण भी दिया। उसने जिला एवं सत्र न्यायालय में याचिका दायर कर कहा कि वह सुनवाई के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की बजाय कोर्ट में हाजिर होना चाहता है। उसने कहा है कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से ट्रायल में उसे लीगल टीम से सहयोग करने में मुश्किल आ रही है। सूत्रों के अनुसार सजा-ए-मौत पा चुका भटकल इन कोशिशों से अपनी मौत की सजा को टालते रहना चाहता है। इसमें मजेदार बात तो यह है कि अपने आवेदन में उसने मुंबई हमले के दोषी आतंकी अजमल कसाब का उदाहरण देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने कसाब तक को भी फेयर ट्रायल दिया था। उसने याचिका में कहा कि कसाब को भी अपने वकीलों से गुप्त बातचीत करने का अधिकार दिया गया था। जब कसाब को यह सुविधाएं मिल सकती हैं, तो उसे क्यों नहीं। कई आतंकी धमाकों का सूत्रधार यासिन भटकल उत्तरी कन्नड़ जिले की भटकल नामक जगह का निवासी है। कई सालों तक फरार रहने के बाद उसे भारत-नेपाल सीमा से अगस्त 2013 में गिरफ्तार किया गया था। वह फिलहाल दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है। चिन्नास्वामी ब्लास्ट केस में उसकी अगली सुनवाई 16 मार्च को होनी है।