नागपुर,अब दूसरे राज्यों के छात्र महाराष्ट्र से एमबीबीएस नहीं कर पाएंगे। जिन छात्रों ने दसवीं और बारहवीं की परीक्षा महाराष्ट्र से पास की है और जिनके पास (मूल निवासी प्रमाणपत्र) डोमिसाइल सर्टिफिकेट है। ऐसे में इस साल सिर्फ वे ही राज्य के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस/बीडीएस में प्रवेश के योग्य होंगे। इस साल से प्रवेश के लिए यह नियम लागू होगा। राज्य के मेडिकल बोर्ड (डीएमईआर) के अनुसार यह नियम पिछले साल इसलिए बनाया गया था क्योंकि दूसरे राज्यों के छात्रों की अपेक्षा महाराष्ट्र के छात्रों को और अच्छा मौका मिल सके। उन्होंने कहा, ‘दूसरे राज्य मूल निवासी की नीति का बहुत कड़ाई से पालन करते हैं और ऐसे में हमारे छात्रों को बहुत मुश्किल से ही दूसरे राज्यों में प्रवेश मिल पाता है। वहीं दूसरे राज्यों के छात्र ऑल इंडिया कोटा से हमेशा हमारे यहां आवेदन कर देते हैं।’
इस कदम से राज्य के युवाओं के पास डॉक्टर बनने के अवसर बढ़ेंगे। डीएमईआर अब अगले कदम के तौर पर मेडिकल पीजी पाठयक्रम में भी मूल निवासी प्रमाणपत्र को अहम बनाने नीति बना रहा है। इसके लिए उसका इरादा सभी दस्तावेजों को तैयार कर पहले कानूनी बाधाओं को पार करना है।
महाराष्ट्र से एमबीबीएस नहीं कर पाएंगे दूसरे राज्यों के छात्र
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