नई दिल्ली, दिल्ली रेल मंडल में फर्जी कर्मचारियों के वेतन भुगतान में हुई अनियमितता का मामला सामने आने के बाद रेलवे बोर्ड अब सतर्क हो गया है। किसी और मंडल में तो ऐसी अनियमितता नहीं हो रही है इसका पता लगाने के लिए सभी क्षेत्रीय रेलवे को गत 2 वर्षों के वेतन संबंधी रिकार्ड की जांच करने को कहा है। रेलवे की प्राथमिक जांच में पाया कि फर्जी कर्मचारियों के नाम पर लगभग १.५ करोड़ रु का भुगतान किया है। सभी कर्मचारियों को प्वाइंट्स मैन के रूप में कार्य करते हुए दिखाया है। इन्हें वेतन के साथ ही ओवर टाइम, यात्रा भत्ता, रात्रि कार्य भत्ता और एरियर का भी भुगतान किया है। इस मामले में दिल्ली मंडल के कार्मिक विभाग के क्लर्क और कुछ अन्य लोग शामिल हैं। जनवरी में यह मामला सामने आने के बाद कार्मिक विभाग की महिला क्लर्क को निलंबित करने के बाद इसकी जांच उत्तर रेलवे के सतर्कता विभाग को सौंप दी थी। ज्यादा ओवरटाइम पाने वाले कर्मचारियों की सूची की पड़ताल के दौरान यह मामला सामने आया था। बताया जा रहा है कि कार्मिक विभाग के रिकार्ड में फर्जी कर्मचारियों का नाम दर्ज किया गया था और लेखा विभाग भी बिना जांच किए कर्मचारियों को वेतन व भत्ताें का भुगतान करता रहा। फर्जी कर्मचारी को किसी महीने में 85 हजार रुपये तक का ओवर टाइम दिया गया। उसके पकड़े जाने का यही कारण बना। रेलवे अधिकारियों ने कहा कि सतर्कता विभाग इसकी जांच कर रहा है। जांच पूरी होने पर ही पता चलेगा इस फर्जीवाड़े में और कितने लोग शामिल हैं। लेखा विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत के बगैर इस तरह की अनियमितता नहीं हो सकती है।