मुंगावली में कांग्रेस के ब्रजेन्द्र यादव की शानदार जीत,कोलारस में कांग्रेस के महेंद्र सिंह जीते

अशोकनगर,मुंगावली विधानसभा के लिए हुए उप-चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सारी कोशिशों पर पानी फिर गया है, यहां कांग्रेस ब्रजेन्द्र यादव ने भाजपा उम्मीदवार बाई साहब यादव को 2107 वोटों से हरा दिया है। कांग्रेस विधायक महेन्द्र सिंह के निधन से खाली हुई मुंगावली विधानसभा के उपचुनाव में कांग्रेस ने सीट बरकरार रखते हुए भाजपा को 2107 मतों से शिकस्त दी। कांग्रेस के ब्रजेन्द्र सिंह को 70 हजार 628 तो भाजपा की बाईसाहब यादव को लगभग 67 हजार 313 मत मिले।
बढ़त का अंतर नहीं काट पाई भाजपा: मतगणना के पहले राउंड में 276 मतों से पिछड़ने के बाद कांग्रेस ने जो बढ़त हासिल की, उसे भाजपा अंत तक पाट नहीं पाई। मतगणना के कुल 19 राउंड हुए। इनमें से 13 राउंड में कांग्रेस और 6 राउंड में भाजपा आगे रही। 12वें राउंड से कांग्रेस की जीत का अंतर घटना शुरू हो गया था। उपचुनाव में 23 डाक मतपत्र भेजे गए थे। मतपत्रों की गिनती में इनमें से 20 वापस नहीं आए, 3 मतपत्र लौटकर आए उसमें से दो निरस्त हो गए थे और एक मतपत्र भाजपा को मिला था। नोटा में 1553 वोट गए।
जिस गांव में सीएम रुके, वहां से भी भाजपा को नहीं मिले वोट: भाजपा ने मुंगावली में पूरी ताकत झोंक दी थी। मुख्यमंत्री ने स्वयं क्षेत्र में रात्रि विश्राम और सैकड़ों सभाएं की थीं। लेकिन सीएम ने जिस गांव में सभाएं की, रात्रि विश्राम किया। वहाँ भी भाजपा प्रत्याशी को जीत नहीं मिल पाई। मुंगावली विधानसभा सीट के सेहराई और पिपरई में भी कांग्रेस ने भाजपा को पछाड़ दिया। भाजपा इस सीट को इतनी अहम मान रही थी कि उसने मैदान में दर्जनों मंत्री समेत संगठन के दिग्गज नेताओं की फौज उतार दी थी। मुख्यमंत्री शिवराज ने सभाएं की थी और रात भी रुके थे। बावजूद यहां शिवराज का जादू नहीं चला।
नेताओं ने कहा- जीत में महेन्द्र सिंह का योगदान: कांग्रेस प्रत्याशी ब्रजेन्द्र यादव की जीत पर जिला अध्यक्ष ने दिवंगत विधायक महेन्द्र सिंह को याद किया। नेताओं ने कहा कि इस जीत में महेन्द्र सिंह का बहुत योगदान है। उनके कामों और क्षेत्र के लोगों के प्रति प्रेम के कारण मतदाताओं ने कांग्रेस को जिताया है। साथ ही नेताओं ने आरोप लगाया कि मुंगावली में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सालों-साल घोषणाएं कीं, लेकिन उन पर अमल नहीं हुआ। गजेन्द्र सिंह यादव ने कहा कि इस जीत से कांग्रेस के 14 साल का वनवास समाप्त होगा। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इस बार मतदाताओं ने बता दिया है सरकार चुनाव जीतने के लिए सत्ता के दुरुपयोग, पैसा बांटने, गरीबी रेखा में नाम जोड़ने के प्रलोभन आदि का सहारा लेती है।
किन-किन के बीच था मुकाबला: इस उपचुनाव में मुख्य मुकाबला बीजेपी की बाईसाहब यादव और कांग्रेस के ब्रजेन्द्र यादव के बीच था। यहां 13 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे, जिसमें 8 निर्दलीय थे। उपचुनाव में कुल 77.05 प्रतिशत मतदान हुआ था। यहां 1 लाख 91 हजार 9 मतदाताओं में से 1 लाख 47 हजार 64 नें मताधिकार का उपयोग किया था। इसमें 80677 पुरूष है और 66487 महिलाएं थीं।

मुंगावली में कांग्रेस 2124 मतों से जीती,प्रत्याशी वोट ब्रजेंद्र सिंह यादव (कांग्रेस) 70808 बाई साहेब यादव(भाजपा) 68684 नोटा 2253कोलारस में कांग्रेस 8574 मतों से जीतीप्रत्याशी वोटमहेंद्र सिंह यादव(कांग्रेस) 81822देवेंद्र कुमार जैन(भाजपा) 73248नोटा 7482013 में जीत का अंतर- कोलारस में कांग्रेस के राम सिंह यादव ने देवेंद्र कुमार जैन को 24953 मतों से हराया था। – मुंगावली में कांग्रेस के महेंद्र सिंह कालूखेड़ा ने भाजपा के राव देशराज सिंह को 20765 मतों से पराजित किया था। मुंगावली में 21 मतपत्र अमान्यमुंगावली में डाक पत्रों की गिनती में 23 में से 21 मतपत्र अमान्य किए गए हैं। कोलारस में कुल 14 डाक मतमत्रों में से कांग्रेस को 8 और भाजपा को 5 मिले, जबकि एक डाक मतपत्र निरस्त कर दिया है।

सेमीफाइनल में जीती कांग्रेस

इस चुनाव को दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा था। सेमीफाइनल में कांग्रेस ने बाजी मार ली है। दोनों सीटों पर 24 फरवरी को वोट डाले गए थे। कोलारस में 70.40 फीसदी और मुंगावली में 77.05 फीसदी मतदान हुआ था।एक मशीन की गिनती रोकी18वें राउंड में एक मशीन की पिन टूटी हुई निकली थी, जिसकी मतगणना रोक दी गई है। पोलिंग क्रमांक 248 की मतगणना के दौरान रोका गया था, जिसके थोड़ी देर बाद ही अंतिम राउंड की मतगणना पूरी की गई। साख की लड़ाई में सिंधिया की जी तज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की साख इस चुनाव पर दांव पर लगी थी। सिंधिया के गढ़ को भेदने के लिए भाजपा ने हर हथकंडे अपनाये, राजनैतिक समीकरण, जाति समीकरण बनाये गए। लेकिन, भाजपा असफल रही। भाजपा ने इसके लिए अपने कई मंत्रियों, विधायकों और मशीनरी का इस्तेमाल किया।  शिवराज ने जहां रात गुजारी, वहां भी भाजपा हारीइन परिणामों को देखते हुए लगता है कि जनता के बीच शिवराज का जादू फीका पड़ता जा रहा है। मुंगावली में मुख्यमंत्री ने कड़ी मेहनत की थी। गांव-गांव में सभाएं की। लेकिन, जनता ने उनको सिरे से नकार दिया है। मुख्यमंत्री ने जिस बरखेड़ा डांग में हेलीकॉप्टर से आखिरी सभा की, वहां भाजपा को महज 81 वोट मिले। यहां सिंधिया ने बैलगाड़ी की सावरी की थी। यहां कांग्रेस को 534 वोट मिले हैं। वहीं, विधानसभा मुख्यालय मुंगावली में भी भाजपा प्रत्याशी की हार हुई है, जबकि यहां मुख्यमंत्री ने रोड शो, सभा एवं रात्रि विश्राम किया था। मुख्यमंत्री ने जिन तीन स्थानों पर रात गुजारी वो तीनों स्थान मुंगावली, सेहराई एवं पिपरई में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा। कोलारस के रिजोदा में शिवराज ने सभा ली थी, वहां भी भाजपा के उम्मीदवार देवेंद्र जैन हार गए हैं। कांग्रेस कार्यालय में जश्नइस जीत के बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जश्न मनाना शुरू कर दिया। राजधानी भोपाल स्थित प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में कार्यकर्ताओं ने जीत का जश्न ढोल-नगाड़ों और मिठाई बांटकर किया।

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