नई दिल्ली,प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 41वें ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भारत के महान वैज्ञानिक एवं नोबेल पुरस्कार विजेता सर सीवी रमन को याद किया। उन्होंने कहा कि 28 फ़रवरी को रमन इफ़ेक्ट की खोज किए जाने पर इस दिन को नेशनल साइंस डे के रूप में मनाया जाता है। भारत के महान वैज्ञानिकों में एक तरफ़ महान गणितज्ञ बोधायन, भास्कर, ब्रह्मगुप्त और आर्यभट्ट की परंपरा रही है, तो दूसरी तरफ़ चिकित्सा के क्षेत्र में सुश्रुत और चरक हमारा गौरव हैं। सर जगदीश चन्द्र बसु, हरगोविंद खुराना, सत्येन्द्र नाथ बोस जैसे वैज्ञानिक भारत के गौरव हैं। मोदी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से रोबोट, बोट्स और स्पेसिफिक टास्क करने वाली मशीनें बनाई जाती हैं, जो सेल्फ लर्निंग से अपनी इंटेलिजेंस को और बेहतर बनाती हैं। इस तकनीक का उपयोग गरीबों, वंचितों एवं ज़रुरतमंदों का जीवन बेहतर करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा-क्या कभी हमने सोचा है कि नदी या समुद्र का पानी रंगीन क्यों हो जाता है? यही प्रश्न 1920 के दशक में एक युवक के मन में आया था। इसी प्रश्न ने आधुनिक भारत के एक महान वैज्ञानिक को जन्म दिया। कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने लोगों से सुझाव मांगा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से किस तरह दिव्यांग भाइयों और बहनों का जीवन सुगम बनाने में मदद मिल सकती है, प्राकृतिक आपदाओं के बारे में बेहतर अनुमान किस तरह लगाया जा सकता है, किस तरह फ़सलों की पैदावार बढ़ने में सहायता मिल सकती है। मोदी ने कहा कि अहमदाबाद के एक नौजवान ने एक ऐसा यन्त्र बनाया है, जिस पर लिखी गई बात आवाज में बदल जाती है। और उससे एक बोल सकने वाले व्यक्ति के साथ संवाद किया जा सकता है। बता दें कि मन की बात से मोदी विभिन्न विषयों पर जनता से अपने विचार और सुझाव साझा करते हैं। पिछले एपिसोड में उन्होंने महिलाओं के मुद्दे को उठाया था। मन की बात के 40वें एपिसोड में उन्होंने नारी शक्ति को नमन किया था और एक बेटी को 10 बेटों के बराबर बताया था। उन्होंने कहा था कि स्कंद पुराण में कहा गया है, दस पुत्रम समा कन्या। मतलब एक बेटी 10 बेटों के बराबर होती है। हमारे समाज में नारी को शक्ति का दर्जा दिया गया है। यह शक्ति परिवार को एकता के सूत्र में बांधती है। मोदी ने देश की तीन बहादुर महिलाओं भावना कंठ, मोहना सिंह और अवनी चतुर्वेदी का जिक्र किया था, जो फाइटर पायलट बनी हैं।