भोपाल,प्लेसमेंट के झूठे दावे करने वाले प्राइवेट कॉलेज और विश्वविद्यालय पर अब सख्त कार्रवाई की जाएगी। ऐसा करना साबित होने पर संस्थाओं की मान्यता तक छिन सकती है। उच्च शिक्षा विभाग निजी संस्थाओ के उच्च गुणवत्ता युक्त शिक्षा और प्लेसमेंट के दावों की जांच कराने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाएगी। यह कमेटी हर चार महीने में संस्थानों के दावों की समीक्षा करेगी ताकि यह संस्थाएं छात्रों को भ्रमित कर उनका शोषण न कर सके। निजी संस्थाओं द्वारा हर साल नए सत्र से पहले अधिक संख्या में एडमिशन के लिए छात्रों का आकर्षित करने 100 प्रतिशत प्लेसमेंट और क्वालिटी एजुकेशन के दावें करती हैं। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इन झूठे दावों से आकर्षित होकर छात्र इन संस्थानों में एडमिशन ले लेते हैं। लेकिन साल भर बाद ही इनके दावों की हकीकत सामने आने लगती है। लेकिन तब तक देरी हो जाती है। ऐसी स्थिति में छात्र तनाव में रहने लगता है और कई बार गलत कदम उठाने की सोचता है। छात्रों द्वारा मानसिक तनाव के कारण आत्महत्या किए जाने की समस्याएं सामने आने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने इससे निपटने की तैयारी की है। इसके लिए गठित कमेटी ने अपनी अनुशंसाएं विभाग को सौंपी है। आयुक्त उच्च शिक्षा नीरज मंडलोई ने कमेटी की अनुशंसाओं के आधार पर सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। संस्थाओं की यह सारी व्यवस्थाएं नए सत्र से पहले करनी होगी। उच्चस्तरीय कमेटी ने जो अनुशंसाएं की है उनमें कॉलेजों में प्लेसमेंट के दावों का परीक्षण करने के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की जाए। कॉलेज में एडमिशन से पहले ही छात्रों की काउंसलिंग करा कर उनकी योग्यता के अनुसार कोर्स का चयन कराया जाए। संस्थाओं के पेरेंट्स-टीचर एसो. को मजबूत बनाया जाए। शिक्षक अभिभावक योजना को प्रभावी बनाया जाए। अधिकतम 30 छात्रों पर एक शिक्षक अभिभावक के रूप में नियुक्त हो जो पूरे अध्ययनकाल के दौरान उनका ध्यान रखे। प्रत्येक स्कूल, कॉलेज और कोचिंग में पुरुष और महिला काउंसलर रखना अनिवार्य किया जाए। जो 24 घंटे और सातों दिन यहां उपलब्ध रहें, आदि अनुशंसाएं की गई है।