भोपाल,मध्यप्रदेश में आनंद विभाग मेटिव सेन्टर, इजरायल और रेखी फाउंडेशन के सहयोग से प्रदेश के विद्यालयों तक पहुंचेगा। इसके जरिये आनंद विभाग की गतिविधियों के विस्तार से विद्यार्थी वर्ग भी लाभान्वित होगा। इसके अंतर्गत विद्यार्थियों की भावनात्मक आवश्यकताओं को देखते हुए उनके सम्पूर्ण सार्थक जीवन के निर्माण के उद्देश्य से उनके व्यक्तित्व के समग्र विकास पर ध्यान दिया जाएगा। विशेषकर इसके लिए पॉयलेट आधार पर 10 विद्यालय चयनित किए जा रहे हैं। इनमें पाँच विद्यालय भोपाल और पाँच जबलपुर के होंगे। विद्यालयों का चयन कर शिक्षकों को प्रशिक्षित करने का कार्य दो जुलाई से प्रारंभ होगा। यह बात आनंद विभाग के अपर मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने हैप्पीनेस इंडेक्स पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन अवसर पर कही। उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार ने नागरिकों की संतुष्टि के विभिन्न पैरामीटर पर कार्य करने के लिए आनंद विभाग का गठन किया है। सभी के पास आनंद और खुशी का वातावरण निर्मित करने का प्रयास है। मध्यप्रदेश में चूंकि सर्वप्रथम आनंद विभाग का गठन हुआ है, इसलिए सर्वथा मौलिक पद्धतियों का उपयोग कर आम लोगों के जीवन में प्रसन्नता बढ़ाने के ठोस प्रयास किए जा रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) की देश की संचालक सुश्री मरीना वाल्टर ने सत्र के दौरान विभिन्न लोगों से प्रश्नोत्तर के मध्यम से चर्चा की। सुश्री वाल्टर ने कहा कि मध्यप्रदेश ने हैप्पीनेस जैसे नए और प्रासंगिक विषय पर विभाग के गठन करने और अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन करने का ऐतिहासिक कार्य किया है। यह कार्यशाला प्रसन्नता को नापने के लिए विषयों के निर्धारण और नवीन विधियों के विकास की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। यूएनडीपी द्वारा ऐसे कार्यों को सदैव समर्थन दिया जाता है।