मुंबई,अगले साल होने वाले महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा की अगुवाई वाली एनडीए सरकार को हराने के लिए कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. बीते कुछ दिनों से दोनों दलों के बीच गठबंधन पर बातचीत के लिए बैठकों का दौर जारी था जिसपर गुरुवार देर शाम मुहर लग गई है. महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटिल के आवास पर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण और एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे के बीच हुई बैठक के बाद यह एलान किया गया है. अशोक चव्हाण ने कहा, ‘सत्तारूढ़ बीजेपी-शिवसेना सरकार को हराने के लिए हमने आने वाले सभी चुनाव मिलकर लड़ने का फैसला किया है. सीटों की साझेदारी को लेकर बातचीत के लिए हम एक बार फिर मुलाकात करेंगे.’ हालांकि एनसीपी नेता तटकरे ने आधिकारिक गठबंधन का एलान करने से बचते हुए कहा कि दोनों दल गठबंधन करने की स्थिति में हैं, फिलहाल हमारी नजर महाराष्ट्र की गोंदिया उपचुनाव और पालघर सीट पर है. उल्लेखनीय है कि बुधवार को ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने इस बात के संकेत देते हुए कहा था कि देश में कांग्रेस ही वो पार्टी है जो बीजेपी को चुनौती दे सकती है. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस के अच्छे दिन जल्द लौटने वाले हैं. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ करते हुए पवार ने कहा कि राहुल गांधी खुद को तेजी से बदल रहे हैं और उन्हें पूरा यकीन है कि कांग्रेस फिर से मजबूती के साथ वापसी करेगी. बता दें कि एनसीपी इससे पहले भी न सिर्फ महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ सत्ता की साथी रह चुकी है बल्कि यूपीए सरकार में भी एनसीपी गठबंधन का एक प्रमुख घटक थी. लेकिन महाराष्ट्र में साल 2014 का विधानसभा चुनाव दोनों दलों ने अलग-अलग लड़ा था. बहरहाल महाराष्ट्र में पहले ही एनडीए की सहयोगी शिवसेना ने सरकार की मुश्किलें बढ़ा रखी हैं. शिवसेना पहले ही एलान कर चुकी है कि वो 2019 के आम चुनाव में एनडीए का हिस्सा नहीं रहेगी. अब ऐसे में विपक्षी पार्टियां का एक साथ आना भाजपा की दिक्कतों को और बढ़ा सकता है.