नई दिल्ली, दिल्ली के अधिकारियों की तकरार बढ़ती ही जा रही है। फाइलों में संवाद रखने के बाद अब अधिकारियों ने फैसला लिया है कि मंत्रियों या विधायकों के फोन नहीं उठाएंगे। यदि किसी भी चुने हुए प्रतिनिधि को अधिकारी से बात करनी है तो वह सीधेतौर पर लिखित संवाद करें। इस फैसले के बाद मुख्यमंत्री के कार्यालय से विरोध प्रदर्शन शुरू किया गया है। यह अनोखा प्रदर्शन था क्योंकि सभी अधिकारी मुख्यमंत्री कक्ष के बाहर एकत्र हुए और मौन रहकर अपना विरोध दर्ज किया गया है। मौन प्रदर्शन की अगुवाई दिल्ली सरकार के गृह विभाग के प्रधान सचिव मनोज कुमार परीदा ने की। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव पर हुए हमले की हम सब निंदा करते हैं। दास, दानिक्स व आईएस एसोसिएशन के संयुक्त फैसले का असर आज सरकारी विभागों में नजर आया। शीर्ष अधिकारियों समेत अन्य अधिकारियों ने सचिवालय में काम किया लेकिन वे काली पट्टी बांधकर कार्यालय पहुंचे थे।
फोन पर भी नहीं होगी मंत्री-विधायकों से बात
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