जबलपुर,पनागर में गुरूवार की दोपहर पुलिस की पिटाई से एक आटो चालक की मौत के बाद भड़का आक्रोश अभी बरकरार है। गमगीन और आक्रोश भरे माहौल में मृतक का अंतिम संस्कार किया गया। लोगों में आक्रोश को देखते हुये प्रशासन ने घटना की न्यायीक जांच के आदेश दिये। बताया गया है कि कुछ कांग्रेसजन और गांव वाले अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़े थे और उनका कहना था कि मुख्यमंत्री के पनागर आगमन पर उनसे बात करने के बाद ही अर्थी उठाई जायेगी। यह खबर जैसे ही पैâली प्रशासनिक अधिकारी हरकत में आ गये और तत्काल देवरी, इमलई गांव में अपना पड़ाव डाल दिया। स्थानीय लोगों से चर्चा कर पुलिस के पहरे में किसी तरह अंतिम संस्कार कराया गया। ज्ञातव्य है कि पनागर थाने में पदस्थ सिपाही सचिन जैन और विजय तिवारी पर आरोप है कि उन्होंने आटो चालक शिवाजी पटेल को स्मैक बेचने के आरोप में उठाया था और उसकी पिटाई की। इसके बाद जब उसकी मौत हो गई तो उसकी लाश को फेंक गये। इसके बाद गांव में आक्रोश भड़क गया और पनागर में तनावपूर्ण स्थिति निर्मित हो गई। इसके बाद पुलिस को तीन बार लाठी चार्ज करना पड़ा और कई बार अश्रु गैस के गोले चलाने पड़े। इसके बाद कांग्रेसियों ने २४ फरवरी को मुख्यमंत्री के पनागर आगमन पर पनागर बंद करने का आव्हन कर दिया। उधर ग्रामीण भी अंतिम सस्कार करने से इंकार कर रहे थे। मजदूर सम्मेलन में मुख्यमंत्री के प्रवास को देखते हुये प्रशासन के हाथ-पाव फूल गये और प्रशासन तत्काल हरकत में आया। गांव वालों का कहना था कि मुख्यमंत्री पनागर आयेंगे तब ही घर से अर्थी उठेगी। प्रशासन के लोगों ने गांव वालों से चर्चा कर उन्हें राजी किया और अंतिम संस्कार कराया। क्षेत्रीय विधायक इंदू तिवारी ने मुख्यमंत्री से फोन पर बात कर पूरे घटनाक्रम से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घटना की न्यायीक जांच कराने के आदेश दिये हैं। इस घटना के बाद दोनों आरोपी सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया।
पनागर में खामोशी भरा तनाव, मुख्यमंत्री के आने पर ही अर्थी उठेगी, सुन अधिकारी गांव दौड़े,पुलिस पहरे में हुई आटो चालक की अंत्येष्टि
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