भोपाल,आज हैप्पीनेस इंडेक्स पर अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला में अधिकांश वक्ताओं का मानना था कि देश में सबसे पहले आनंद विभाग गठित करने वाला मध्यप्रदेश जिस ऊर्जा से आनंद विभाग की गतिविधियों का निरंतर विस्तार कर रहा है, वह प्रशंसनीय और अभिनंदनीय है। वक्ताओं ने आशा व्यक्त की कि इस कार्यशाला के निष्कर्षों के आधार पर न सिर्फ देश, बल्कि विश्व के लिए नागरिकों में आनंद के स्तर को बढ़ाने के नवीन मॉडल सामने आएंगे।
हैप्पीनेस इंडेक्स के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन आनंद विभाग मध्यप्रदेश शासन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आयआयटी) खड़गपुर के सहयोग किया है। कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को अमेरिका से आए प्रो. राज रघुनाथन, संयुक्त अरब अमिरात के प्रो. डेविड जोन्स, आयआयटी खड़गपुर के प्रो. पी. पटनायक और आनंद विभाग के गठन की पहल करने वाले देश भूटान के डॉ. साम्दु चेत्री ने सम्बोधित किया।
डॉ. साम्दु चेत्री ने कहा कि भूटान द्वारा की गई पहल को अनेक देशों ने सराहा। मध्यप्रदेश ने आनंद विभाग बनाकर मानवता के पक्ष में बहुत अच्छा कदम उठाया है। प्रो.राज रघुनाथन (यूएसए) जो मूलत: तमिलनाडु के हैं, अपने सम्बोधन में कहा कि मनुष्य की मूलभूत जरूरतों रोटी,कपड़ा, मकान के अलावा अच्छा स्वास्थ्य, सुरक्षा, यातायात सुगमता, शिक्षा, पड़ोस और परिजन आदि से जुड़ाव जैसे प्रसन्नता के मापदंडों पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि आज परिवार के रिश्ते यदि इंटरनेट के अत्यधिक उपयोग से प्रभावित हो रहे हैं, तो उसे रोकने के लिए प्रयास होना चाहिए। प्रो. रघुनाथन ने कहा कि आज एक ऐसे आनंद टी.व्ही. चैनल की आवश्यकता है जो व्यक्ति को वास्तविक मनोरंजन प्रदान कर उसे आंतरिक खुशी भी प्रदान करे।
हैप्पीनेस इंडेक्स कार्यशाला में आज शुभारंभ सत्र में अपर मुख्य सचिव आनंद विभाग इकबाल सिंह बैंस ने कहा कि मध्यप्रदेश में सिर्फ अठारह महीने में आनंद विभाग गठित करने के पश्चात अनेक कार्यक्रम प्रारंभ किए गए। इसके बेहतर परिणाम भी मिल रहे हैं। उन्होंने बताया कि आनंद संस्थान की गतिविधियों से नागरिकों को जोड़ने में सफलता मिल रही है। बैंस ने ईशा फाउंडेशन, कोयंबटूर और पंचगनी एवं बैंगलोर के दो अन्य संस्थानों में प्रशिक्षण के प्रावधानों की जानकारी भी दी। इस अवसर पर बैंस ने मध्यप्रदेश में विभिन्न क्षेत्रों से मिल रहे सहयोग को महत्वपूर्ण बताते हुए उसकी सराहना भी की। उन्होंने प्रारंभ में कार्यशाला में आए विभिन्न देशों के प्रतिनिधियों का स्वागत किया।
शिक्षण से जुड़े लेखक और स्तम्भकार डॉ. डेविड जोंस (दुबई) ने बताया कि जीवन में संतोष प्राप्ति के अलग-अलग स्तर हैं। व्यक्ति के लिए विभिन्न तरह के हुनर महत्व रखते हैं। डॉ. डेविड ने प्रसन्नता के विभिन्न सिद्धांतों की विस्तारपूर्वक जानकारी दी। आईआईटी खड़गपुर के प्रो. पी. पटनायक ने कहा कि शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सुविधाओं के विकास के साथ बेहतर यातायात, व्यक्ति का अच्छा मानसिक स्वास्थ्य और परस्पर मेलजोल की स्थितियां आनंद के स्तर में वृद्धि करती हैं। विश्व हैप्पीनेस रिपोर्ट 2016-18 भी इन्हीं बिन्दुओं का समर्थन करती है। कार्यशाला के अवसर पर राज्य निर्वाचन आयुक्त आर.परशुराम, सेवा निवृत्त आयएएस प्रसन्न दास, विश्वपति त्रिवेदी, कलेक्टर होशंगाबाद अविनाश लवानिया, कलेक्टर सीहोर तरूण पिथौडे, श्रीमती जयकियावत, राज्य आनंद संस्थान के मुख्य कार्यपालन अधिकारी मनोहर दुबे, निर्देशक नीरज वशिष्ठ, संदीप दीक्षित, प्रवीण गंगराड़े, आनंद संस्थान की गतिविधियों से जुड़े पदाधिकारी और देश के विभिन्न संस्थानों से आए प्रतिभागी उपस्थित थे
हैप्पीनेस इंडेक्स वर्कशाप के निष्कर्षों से मिलेगी दिशा
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