बिलासपुर, बहुचर्चित मिक्की मेहता कांड में आज नया मोड़ आ गया है। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस टीबी राधाकृष्णन व शरद गुप्ता की डिवीजन बेंच ने इस मामले को गंभीर मानते हुए याचिका स्वीकार कर शासन व आईपीएस मुकेश गुप्ता को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब पेश करने का आदेश दिया।
रायपुर के नेत्र विशेषज्ञ डॉ. मिक्की मेहता के साथ 1988 बेच के आईपीएस मुकेश गुप्ता ने गंधर्व विवाह किया था। 7 सितम्बर 2001 को डॉ. मेहता आईपीएस मुकेश गुप्ता के सरकारी बंगले में मृत पाई गई थी। उनकी एक बेटी मुक्ता मेहता भी है। मिक्की मेहता की मॉ श्यामा मेहता और भाई मानिक मेहता ने इस घटना को स्वभाविक मौत नहीं मानते हुए सुनियोजित हत्या बताया और हाईकोर्ट तक पहुंच गए। उसके बाद केन्द्रीय गृह मत्रालय को इन्होंने पत्र लिखा जिस पर भी कुछ विशेष कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने अधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा के माध्यम से फिर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर जांच की मांग की । आज हाईकोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन सहित मुकेश गुप्ता को नोटिस जारी कर तीन सप्ताह में जवाब प्रस्तुत करने का आदेश दिया। आईपीएस मुकेश गुप्ता राज्य में एसीबी और ईओडब्ल्यू के एडीजी हैं।