MP में NRI कहलाने के बदलेंगे मापदंड,NRI सीटों पर दाखिले को लेकर बदलाव की तैयारी

भोपाल,प्रदेश के निजी मेडिकल कॉलेजों में एमडी/एमएस कोर्स की एनआरआई सीटों पर प्रवेश को लेकर बडे बदलाव की तैयारी चल रही है। प्रशासन एनआरआई कहलाने का मापदंड बदलने के मूड में है। नए प्रस्ताव में उम्मीदवार, माता-पिता, दादा-दादी और नाना-नानी के अलावा निकट रिश्तेदार को भी जोड़ने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में दोस्त या दूर के रिश्तेदार के एनआरआई होने पर भी उम्मीदवारों को प्रदेश के निजी कॉलेजों में दाखिला मिल जाएगा। इस साल बनाए जा रहे पीजी प्रवेश नियमों में इसका प्रस्ताव किया गया है। प्रवेश नियमों को लेकर सरकारी मेडिकल कॉलेजों के डीन, निजी मेडिकल कॉलेजों के प्रतिनिधियों के साथ एसीएस राधेश्याम जुलानिया व आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिवशेखर शुक्ला की बैठक हुई। मालूम हो कि निजी मेडिकल कॉलेजों में 15 फीसदी सीटें एनआरआई कोटे की होती हैं। इन सीटों पर दाखिले में गड़बड़ी की शिकायतें आ रही थीं। एनआरआई के मापदंड में नहीं आने वाले को भी निजी कॉलेजों ने इन सीटों पर दाखिले दे दिए थे। इसके बाद पिछले साल चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने सख्ती की थी। इन सीटों में दाखिले के लिए पिछले साल के पीजी एडमिशन रूल में सिर्फ उन्हें ही एनआरआई माना गया था जो इन्कम टैक्स एक्ट के तहत मान्य हैं। इसमें उम्मीदवार के अलावा माता-पिता, दादा-दादी, नाना-नानी के एनआरआई होने पर ही दाखिले की पात्रता थी। निकट रिश्तेदार को शामिल नहीं किया गया था। एमबीबीएस में दाखिले के लिए भी यही नियम था। इस वजह से कॉलेजों को उम्मीदवार नहीं मिल पा रहे थे। निजी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस कोर्स की एनआरआई कोटे की 114 सीटो में 107 सीटों पर गैर एनआरआई को दाखिले दे दिए गए थे। जांच में गड़बड़ी उजागर होने के बाद चिकित्सा शिक्षा संचालनालय ने इन छात्रों के दाखिले निरस्त कर दिए थे। लिहाजा इस बार निकट रिश्तेदारों को भी जोड़ा जा रहा है। हालांकि, निकट रिश्तेदार किसे माना जाएगा यह परिभाषित नहीं है। पीजी प्रवेश नियमों में मूल निवासी को लेकर तय मापदंडों में भी प्रवेश नियमों में बदलाव हो सकता है। अभी तक मूल निवासी के लिए रिजर्व सीटों में मध्यप्रदेश के मूल निवासी या यहां से एमबीबीएस करने वाले को पात्र माना जा रहा था। अब प्रस्ताव किया जा रहा है कि जिसने मध्यप्रदेश से एमबीबीएस किया है वही इन सीटों के लिए पात्र माना जाएगा। बता दें कि रिजर्व श्रेणी की सीटें सिर्फ मप्र के मूल निवासी उम्मीदवारों से भरी जाती हैं। अन्य सीटों में पर भी उन्हें प्राथमिकता दी जा सकती है।

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