नई दिल्ली,पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) को अरबों रुपये का चूना लगाने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी देश छोड़कर भाग गए हैं। वही दूसरी ओर इससे राजनीतिक दलों को राजनीति करने का एक बड़ा अवसर भी मिल गया है। कई पार्टियां एक-दूसरे के ऊपर इस घोटाले का दोष मढ़ रही हैं। इसी बीच नीरव के वकील विजय अग्रवाल ने केस हाथ में लेने के बाद कहा है कि जांच एजेंसियां अदालत में कुछ भी साबित नहीं कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि २-जी घोटाले और बोफोर्स मामले की तरह यह केस भी बंद हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी मीडिया में शोर मचा रही हैं लेकिन वह इन आरोपों को कोर्ट में साबित नहीं कर पाएंगी। वकील के बयान से पहले नीरव ने भी सीनाजोरी दिखाते हुए 15 फरवरी को एक पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने लिखा है कि अतिउत्साह में इस मामले को सार्वजनिक कर पीएनबी ने बकाया वसूली के सारे रास्ते बंद कर लिये हैं। नीरव का कहना है कि उसकी कंपनियों पर 5000 करोड़ से भी कम की राशि बकाया है। जनवरी के पहले हफ्ते में परिवार के साथ देश से फरार हो चुके मोदी ने लिखा कि मीडिया में उसके बकाये के बढ़ा चढ़ाकर कर पेश करने का परिणाम तलाशी और जब्ती की कार्रवाई के रूप में सामने आई है। इससे फायरस्टार इंटरनेशनल और फायरस्टार डायमंड इंटरनेशनल की साख पर गहरा असर पड़ा है। वहीं वकील विनीत धांडा द्वारा पंजाब नेशनल बैंक में हुई धांधली की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के नेतृत्व में एक पीठ 23 फरवरी को इसकी सुनवाई करेगी।
23 को पीएनबी घोटाले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
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