नई दिल्ली/मुंबई,पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले की आंच में अब मोदी सरकार निशाने पर आ गई है। विपक्षी दल कांग्रेस सहित भाजपा के ही कुछ नेताओं ने प्रधानमंत्री मोदी की चुप्पी पर कटाक्ष किए हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला जारी है। सोमवार को राहुल गांधी ने शायराना अंदाज में पीएम से पूछा न खाऊंगा, न खाने दूंगा, कहने वाले चौकीदार कहां हैं? राहुल ने ट्वीट किया पहले ललित मोदी, उसके बाद विजय माल्या और अब नीरव मोदी भी फरार हो गया। लेकिन, न खाऊंगा, न खाने दूंगा कहने वाले देश के चौकीदार कहां हैं? राहुल ने लिखा कि साहेब की खामोशी का राज जानने को जनता बेकरार है। उनकी चुप्पी चीख-चीख कर बता रही है कि वह किसके प्रति वफादार हैं।
गौरतलब है कि इस मामले में कांग्रेस लगातार पीएम मोदी और भाजपा पर घोटाले का दोष लगा रही है। बीजेपी का कहना है कि यह घोटाला 2011 में यूपीए सरकार के दौरान ही हुआ था। मोदी सरकार ने तो इस घोटाले का राजफाश किया है।
शिवसेना ने भी कसा तंज
शिवसेना ने भी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि भगोड़ा घोटालेबाज नीरव मोदी को भारतीय रिजर्व बैंक का गर्वनर बनाया जाना चाहिए, ताकि वह देश को बर्बाद कर सके। ये सज्जन प्रधानमंत्री के साथ दावोस में तस्वीरें खिंचवाते नजर आया था।
चौकीदार सो गया : सिन्हा
हमला करने वालों में भाजपा नेता भी कूद पड़े हैं। पार्टी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा ने ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि बड़ा चौकीदार सो गया, छोटा दमदार खो गया और हम सब देखते रह गए।
सिन्हा के तीन ट्वीट
1. हे प्रधान सेवक, हे प्रधान रक्षक, चौकीदार-ए-वतन, सभी धोखेबाज दिनदहाड़े फ्राड कर विदेश भाग गए, क्या हम नेहरू को ब्लेम कर सकते हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए एयरलाइंस को लाइसेंस दिया?
2. बड़ा चौकीदार सो गया, छोटा दमदार खो गया और हम सब देखते रह गए।
3. चौकीदार-ए-वतन के कैशलेस को ऐसे तो न लें, आगे अभी और लोग सामने आने वाले हैं।
नीरव की टीम के पास कैसे पहुंचे पासवर्ड?
घोटाले में एक से बढ़कर एक खुलासे हो रहे हैं। बैंक के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, सीडब्ल्यूओ मनोज खरात और नीरव मोदी का कामकाज देख रहे हेमंत बट ने सीबीआई की पूछताछ में स्वीकार किया है कि ये लोग पीएनबी के कंप्यूटर सिस्टम का इस्तेमाल अपने घर से भी कर लेते थे। सीबीआई का कहना है कि बैंक के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत के बिना पीएनबी कंप्यूटर सिस्टम की सभी जानकारियां आरोपियों तक नहीं पहुंच सकती थीं। जानकारों का कहना है कि ये सॉफ्टवेयर सभी बैंकों का अलग-अलग होता है। इन तीनों आरोपियों के पर्सनल कंप्यूटरों में यह सॉफ्टवेयर पाया गया है। हालांकि, जांच एजेंसी इसकी पुष्टि नहीं कर रही है। यह बड़ा सवाल है कि पासवर्ड नीरव की टीम के पास कैसे पहुंचे?