मुंबई, पीएनबी घोटाला मामले में एक से बढ़कर एक खुलासे हो रहे हैं। बैंक के पूर्व डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी, सीडब्ल्यूओ मनोज खरात और नीरव मोदी का कामकाज देख रहे हेमंत बट ने सीबीआई की पूछताछ में स्वीकार किया है कि ये लोग पीएनबी के कंप्यूटर सिस्टम का इस्तेमाल अपने घर से भी कर लेते थे। बैंक के कंप्यूटरों के पासवर्ड इनके पास थे, जिनकी मदद से वे न केवल स्वयं एलओयू (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) जारी कर लेते थे, बल्कि बैंक से फंड का ट्रांसफर भी नीरव मोदी या उससे जुड़े लोगों के खातों में कर लेते थे। सीबीआई का कहना है कि बैंक के बड़े अधिकारियों की मिलीभगत के बिना पीएनबी कंप्यूटर सिस्टम की सभी जानकारियां आरोपियों तक नहीं पहुंच सकती थीं। बता दें कि एलओयू के लिए बैंकों के कंप्यूटरों में एक विशेष सॉफ्टवेयर होता है, जिसे स्विफ्ट कहा जाता है। जानकारों का कहना है कि यह सॉफ्टवेयर सभी बैंकों का अलग-अलग होता है। इसे अपने पर्सनल कंप्यूटर में अपलोड कराने की अनुमति किसी को नहीं हैं। अगर यह सॉफ्टवेयर किसी व्यक्ति के कंप्यूटर में पाया जाता है तो इसका मतलब यह है कि उसे उसमें संबंधित बैंक के इंजीनियर ने अपलोड किया है। सीबीआई के सूत्रों का दावा है कि इन तीनों आरोपियों के पर्सनल कंप्यूटरों में पीनएबी का स्विफ्ट सॉफ्टवेयर पाया गया है। हालांकि, जांच एजेंसी के आला अधिकारी इस सूचना की पुष्टि करने से बच रहे हैं। उन्होंने यह जरुर स्वीकार किया है कि इन तीनों के पास पीएनबी के कंप्यूटर सिस्टम के पासवर्ड थे।