भोपाल,बीते दिनों लोकायुक्त द्वारा ट्रेप किये गये क्लर्क राजेंद्र सिंह के एक्सीडेंट में ब्रेन डेड होने के बाद उन्हें परिजनों द्वारा लिये गये अंगदान के निर्णय से यहां पांच लोगों को नई जिंदगी मिली | वहीं मृतक के परिवार ने उन्हें साजिश के तहत फंसाने के आरोप लगाकर इंसाफ दिये जाने की मांग की है| गौरतलब है कि गोविंदपुरा एसडीएम दफ्तर में पदस्थ क्लर्क राजेन्द्र सिंह राजपूत का तीन दिन पहले लिंक रोड-2 पर एक्सीडेंट हुआ था, जिसमें उन्हें हेड इंजूरी हुई थी। ट्रीटमेंट के दौरान शुक्रवार को डॉक्टरों ने राजेन्द्र को ब्रेन डेड घोषित कर दिया था। परिवार के सदस्यों की जब काउंसलिंग कराई गई तो अंगदान का निर्णय लिया गया। डॉक्टरों की टीम ने शनिवार सुबह से ही अंगों के ट्रांसप्लांट की व्यवस्था करना शुरू कर दी थी। राजेन्द्र की एक किडनी, लीवर, आंखें और त्वचा रिट्रीव करने की तैयारी आज सुबह की गई। अब इन अंगों से पांच लोगों को नई जिंदगी मिली है। मृतक वैशाली ने अंत में कहा कि क्लर्क राजेन्द्र सिंह राजपूत के अंगदान के समय उनकी बेटी वैशाली राजपूत ने आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे पिता ने 26 सालों से शासन की निष्ठा के साथ सेवा की है। इन्हें षड्यंत्र के साथ फंसाया गया है। मामले की सीबीआई से जांच होनी चाहिए। वहीं शीतल राजपूत ने बाल मुकुंद साहू, वीके सिंह और शारदा सिंह गौर पर आरोप लगाए हैं कि इन लोगों की साजिश से मेरे पिताजी को फंसाया गया है। लोकायुक्त अफसरों ने उनके साथ मारपीट की और एक कमरे में बैठाकर टॉर्चर भी किया, इससे वे डिप्रेशन में रहते थे। मप्र शासन में न्याय की व्यवस्था होगी तो मेरे पापा को जरूर न्याय मिलेगा।