भोपाल, राजधानी की केन्द्रीय जेल में प्रदेश की पहली अंडा सेल बनने जा रही है। यह अंडा सेल मुम्बई की आर्थर रोड जेल और नवी मुंबई की तलोजा जेल से भी ज्यादा सुरक्षित होगी। मुंबई की जेलों में बनी अंडा सेल में जो कमी रह गई है वह कमी भोपाल के केंद्रीय जेल की अंडा सेल में नहीं होगी। डीजी जेल संजय चौधरी और पीडब्ल्यूडी के अफसर मुंबई की आर्थर रोड जेल और नवी मुंबई की तलोजा जेल का निरीक्षण करने गए थे। अफसर वहां की अंडा सेल की कितनी सुरक्षित है? यह देखने गए थे। अफसरों ने पाया कि महाराष्ट्र की उन दोनों जेलों का फाउंडेशन महज तीन फीट है जबकि वहां पर बंदियों को रखने के लिए तीन दीवारें है जिसमें विजिबिलिटी कम रहती है। मुंबई की इन दोनों जेलों की ये कमी भोपाल की अंडा सेल में नहीं रहेगी। जेल मुख्यालय ने तय किया है कि अंडा सेल का फाउंडेशन सात फीट सीमेंटेड बनाया जाएगा। इसके अलावा यहां पर दो दीवार के बाद सुरक्षा का तीसरा घेरा लोहे के सरियों की दीवार का होगा। इसमें हर बंदी पर सीधे नजर प्रहरियों की रहेगी।
अंडा सेल का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है। ऐसा माना जा रहा है कि अगस्त तक सेल का पूरा निर्माण हो जाएगा। इसमें दो दर्जन आतंकियों को रखा जाएगा। इसके अलावा जेल में बंद नक्सलियों को भी इसमें रखा जाएगा। जेल का आकार ऐसा होगा कि सूरज की रोशनी भी सीधे बैरक में नहीं पहुंच सकेगी। पहले ऐसा तय किया गया था कि दीवार के बाहर पंखे लगाकर वहां से बैरक में हवा पहुंचाई जाए लेकिन मुंबई की जेलों के निरीक्षण के बाद अब ऐसा नहीं होगा। दीवार पर लगने वाले पंखे ज्यादा आवाज करते हैं। इसलिए अब 18 फीट की ऊंचाई पर सीलिंग फैन लगाए जाएंगे। इस संबंध में डीजी जेल संजय चौधरी का कहना है कि निर्माणाधीन अंडा सेल को मुंबई की दोनों जेलों से भी ज्यादा सुरक्षित बनाया जाएगा। बंदियों पर नजर रखने के लिए वहां की जेलों से ज्यादा यहां पर हम व्यवस्था करेंगे। फाउंडेशन भी वहां से ज्यादा मजबूत होगा।