अशोकनगर,मुंगावली उपचुनाव को अपनी प्रतिष्ठा का प्रश्न बना चुके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चुनाव जीतने के लिए हर संभव प्रयास किये जा है। इसी के तहत शनिवार की सुबह मुख्यमंत्री चौहान कांग्रेस से सांसद प्रतिनिधि मनोज जैन के घर पर नाश्ते पर पहुंचे और जैन को बीजेपी में शामिल कराने की कोशिश की गई। मुख्यमंत्री के साथ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं आधा दर्जन मंत्री भी सांसद प्रतिनिधि के घर पर पहुंचे और तमाम प्रकार के डोरे डाले गए। इस दौरान मनोज जैन के निवास पर मुख्यमंत्री ने समाज के कई प्रतिनिधियों की बैठक ली और मनोज जैन को भाजपा में शामिल करने के लिए तमाम प्रकार की कोशिशें की गई।
विरोधी दलों में बड़े नेता नहीं रहेंगे तो वह चुनाव कैसे जीतेंगे। इसी सोच के साथ बीजेपी काम कर रही है। इसी के तहत शनिवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान सहित मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मनोज जैन के घर नाश्ते पर पहुंचे। इस दौरान बीजेपी ने कांग्रेस के नेता को तोडने में पूरा दमखम लगाया। स्थिति यह थी की स्टेशन रोड़ स्थित काग्रेसी सांसद मनोज जैन के निवास पर मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले ही हजारों की संख्या में सभी समाजों के लोगें का बुलाया गया था एवं प्रदेश सरकार के कई मंत्री यहाँ उपस्थित थे। सीएम ने यहाँ पहुंचकर सबसे पहले मनोज जैन से मुलाकात की उसके बाद लगभग ढेड़ घण्टें तक यहाँ अलग- अलग कमरों में सभी समाजों के लोगों से मुलाकात की। वहीं मुख्यमंत्री के घर पहुंचते ही यह अफवाह तेजी से जोर पकड़ गई कि मनोज जैन बाहर आकर भाजपा में शामिल होने की घोषणा कर सकते हैं। लेकिन अपनी जोड़-तोड़ के लिए माहिर भाजपा को बड़ा झटका तब लगा जब मनोज जैन ने बाहर आकर कह दिया कि सूबे के मुखिया होने के नाते शिवराज उनके घर आए थे और इसीलिए उन्हें नाश्ते पर आमंत्रित किया गया। मनोज ने यह भी कहा कि वे सांसद प्रतिनिधि हैं और कांग्रेस में ही है। भाजपा मे शामिल होने का उनका अभी कोई विचार ही नहीं है। वहीं इससे पहले बीजेपी के मंत्री रामपाल सिंह ने पत्रकारों से कहा कि मनोज जैन लंबे समय से भाजपा के संपर्क में थे। भाजपा में शामिल होना चाहते थे और भाजपा में शामिल हो गए हैं। लेकिन मनोज जैन के इस बयान के बाद भाजपा को जमकर किरकिरी हो रही है और लोग कह रहे हैं कि भाजपा अपना ही घर नहीं संभाल पा रही, बाहर के लोगों को क्या पार्टी में लाएगी। वहीं दूसरी ओर इस क्षेत्र में एक बार फिर यह साबित हो गया है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक उनके कट्टर समर्थक हैं और उनके साथ पूरी तरह से खड़े हुए हैं।
कांग्रेस नेताओं को तोड़ने की कोशिश में भाजपा:
बीजेपी, कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को तोड़ने की कोशिश में लगी हुई है। कांग्रेस नेताओं को तोड़ने के लिए भाजपा हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। यह रवैया मुंगावली उपचुनाव में देखने को मिल रहा है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जिले में भाजपा के कार्यकर्ताओं की छबी खराब होने के कारण वह अपनी पार्टी के मुद्दों को क्षेत्र की जनता के समक्ष सही से नहीं रख पा रहे हैं, इसलिए बीजेपी के कई दिग्गज मंत्रियों के साथ स्वयं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को अपने दल में शामिल करने के प्रयास कर रहे है और उनकी हर सर्त को मानने के लिए तैयार है। करीब 10 दिन पहले कांग्रेस के सांसद प्रतिनिधि डॉ. केपी यादव एवं उनकी पत्नि को भाजपा ने अपनी सदस्यता मुख्यमंत्री के समक्ष दिलाई थी और अब सांसद प्रतिनिधि मनोज जैन के घर पहुंचकर मुख्यमंत्री एवं मंत्रियों द्वारा बंद कमरे में लम्बे समय तक चर्चा की। इससे अनुमान लगाए जा रहे हैं कि भाजपा कांग्रेस नेतओं को अपनी पार्टी में शामिल करने के लिए पूरे प्रयास कर रही है।
दो दिन चला शह और मात का खेल:
उपुचनाव के मतदान से कुछ दिन पहले हुये इस पूरे घटनाक्रम को भाजपा एवं कांग्रेस के बीच शह और मात का खेल माना जा रहा था जिसमें दो दिन तक दोनों ही दलों के नेताओं का सांसद प्रतिनिधि मनोज जैन के यहाँ लगातार आना जाना रहा और यह अफवाह भी थी की कई कांगेसी भाजपा का दामन छोड़कर कांग्रेस का दामन थामेगें पर जैसे ही सांसद प्रतिनिधि ने मीडिया से बात की और कहा की भाजपा की सदस्यता नही ली तो कांग्रेस ने भाजपा को मात दे दी।
कांग्रेस बोली भाजपा कर रही दबाब और षणयंत्र की राजनीति:
इस तरह दो दिन तक चली काग्रेस सांसद प्रतिनधि के भाजपा में जाने की अटकलों के बाद कांग्रेस के प्रभारी गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि जहॉ भी चुनाव होते हैं। आम चुनाव हों या उपचुनाव भाजपा हमेशा षणयंत्र और दबाब की राजनीति करती है। मुंगावली और कोलारस में भी ऐसे ही प्रयास किये जा रहे हैं। लेकिन मुंगावली की जनता सिंधिया परिवार के साथ चट्टान की तरह खड़ी है।
दलबदलुओं के भरोसे बीजेपी:
बीजेपी में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शामिल करने को दौर लम्बे समय से चलता आ रहा है। डॉ. केपी यादव सहित क्षेत्र में कुछ ऐसे नेता हैं तो कांग्रेस छोड़कर भाजपा की बागडोर संभाल रहे हैं। शनिवार को हुई इस घटना के बाद मुंगावली विधानसभा क्षेत्र में चर्चा है कि भाजपा में काम कर रहे कार्यकर्ताओं में वह क्षमता नहीं है, जो कांग्रेस कार्यकर्ताओं में है। इसलिए भाजपा कांग्रेस नेताओं को तोड़ने की कोशिश कर रही है और उनके सहारे पर उपचुनाव जीतने के प्रयास में है।