आदिवासी महापंचायत का फरमान शराब पीने की सजा.. ‘सरेआम मुंडन’

श्योपुर,आदिवासी समाज ने अब बुराइयों को ख़त्म करने का बीड़ा उठाया है, और सख्त कानून भी बना दिया है| मुख्यधारा से जुड़ने के लिए सख्त सजा भी सुनाई जा रही है| इसी के तहत आदिवासी महापंचायत का फरमान न मानने पर दो युवकों का सरेआम मुंडन कर दिया | इससे पहले गुटखा खाने पर बरगवां में महिला सरपंच से पंचायत ने जुर्माना भी वसूला|
मामला श्योपुर के बड़ौदा बस स्टैंड के पास की है। जहां पर कुछ लोगों ने दो युवकों को पकड़कर उनका मुंडन कर दिया। दरअसल इन युवकों ने समाज की पंचायत द्वारा लिए गए शराब बंदी के निर्णय को दर किनार कर शराब का सेवन किया और बाज़ार आ गये। इसकी सूचना एक आदिवासी महिला ने समिति के सदस्यों को कर दी। इसके बाद सदस्यों को साथ लेकर बड़ौदा नगर परिषद का एक आदिवासी पार्षद बस स्टैंड पर पहुंच गया। आदिवासी पंचों को दोनों युवक शराब के नशे में धुत मिले। इसके बाद दोनों का मुंडन वहीं बस स्टैंड पर जनता के सामने कर दिया। आदिवासी समाज का कहना है कि हमारे 84 गांव की महापंचायत ने शराबबंदी का फैसला लिया है। इसके बाद भी ये युवक शराब नहीं छोड़ रहे थे इसलिए इनका मुंडन करना जरुरी था।
दरअसल, समाज में बुराइयों को ख़त्म करने के लिए आदिवासी समाज गांव-गांव में बैठक व पंचायतें कर रहा है। इस क्रम में शुक्रवार को बरगवां में तीन आदिवासी बस्तियों की पंचायत हुई, जिसमें पाली का सहराना, आदिवासी कॉलोनी और बड़ा सहाराना के 200 से ज्यादा आदिवासी शामिल हुए। आदिवासी समाज सुधार समिति ने गुटखा या तंबाकू खाने पर प्रतिबंध लगा दिया है। ऐसा करने वाले पर 200 रुपए के जुर्माने का प्रावधान है।

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