नई दिल्ली,देश के सबसे बड़े बैंक घोटाले के बाद केंद्र की सरकार में हड़कंप है।आरोपियों से जुड़े समूहों पर देशभर में छापेमारी की जा रही है। 5649 करोड़ के हीरे, ज्वेलरी प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त की जा चुकी है। नीरव मोदी विदेश से भारत में कोई सामान आयात करता था उसे विदेशी निर्यातकर्ता को पैसे चुकाने पड़ते थे। यह एक लोन की प्रक्रिया थी जिसमें बैंक मदद कर सकते थे। ऐसे में पीएनबी नीरव के लिए विदेश में मौजूद किसी बैंक को लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) देता था। एलओयू में लिखा होता है कि आप निर्यातकर्ता को आयात के लिए एक निश्चित राशि दे दीजिए। पीएनबी विदेशी बैंक से वायदा करता था कि वो एक साल बाद ब्याज के साथ उस बैंक के दिए गए पैसे चुका देगा। ऐसे में विदेशी बैंक निर्यातकर्ता को पैसे देता था और नीरव मोदी का सामान भारत आयात हो जाता था। इस घोटाले में पीएनबी ने एलओयू जारी नहीं किए, बल्कि बैंक के तीन कर्मचारियों ने चोरी से फर्जी एलओयू बनाकर विदेशी बैंकों को दे दिए। इस तरह विदेशी बैंक निर्यातकर्ता को भुगतान करते रहे और पंजाब नेशनल बैंक के प्रबंधन को जानकारी ही नहीं लगी। यह एलओयू एक स्विफ्ट सिस्टम का कंट्रोल सिस्टम पर आधारित होता है जो पूरी दुनिया के बैंकों को आपस में जोड़ता है। स्विफ्ट सिस्टम से जो संदेश जाते हैं वो कोड में भेजे जाते हैं. एलओयू भेजना, खोलना, उसमें बदलाव करने का काम इसी सिस्टम के ज़रिए किया जाता है। जब इस सिस्टम से नीरव के लिए संदेश भेजा गया तो विदेशी बैंकों को जरा भी शक नहीं हुआ, जबकि यह संदेश पीएनबी के घोटालेबाज अफसर भेज रहे थे। इस सिस्टम में पीएनबी के दो अफसर थे- एक क्लर्क जो इसमें डेटा डालता था और दूसरा अधिकारी जो इस जानकारी की आधिकारिक पुष्टि करता था। ये दो लोग पांच-छह साल तक इसी डेस्क पर काम कर रहे थे, उनको कोई लालच हो गया होगा जिस कारण उन्होंने नीरव मोदी के कहने पर या उनकी कंपनी के कहने पर या फिर उनके लुभावने वादे में आ कर यहां से फर्जी एलओयू जारी कर दिया। ब्रांच मैनेजर ने स्विफ्ट सिस्टम से इसे भेजने वाले को कोई कागज़ हस्ताक्षर कर के नहीं दिया कि इसे आगे भेजा जाए। भ्रष्ट कर्मचारियों ने चुपचाप एलओयू भेज दिया। किसी अधिकारी ने प्रतिदिन होने वाले स्विफ्ट भुगतान की जांच भी नहीं की, चूक यहीं हुई। अब करीब 7 साल बाद पंजाब नेशनल बैंक ने पिछले दिनों सेबी और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज को 11,356 करोड़ रुपए के घोटाले के जानकारी दी थी।