भोपाल,आदिवासी तथा जंगल में तेंदूपत्ता संग्रहण के काम में लगी महिलाओं को सरकार साड़ी बांटने जा रही थी । इसके टेंडर भी हो चुके थे। सैंपल के लिए जो सिंथेटिक साड़ी जमा की गई थी । उसकी जांच केंद्र सरकार की संस्था टेक्सटाइल कमेटी से कराई गई। जिसमें साड़ी का सैंपल मानदंडों पर खरा नहीं उतरा। जिसके कारण पूर्व का टेंडर निरस्त करके अब नया टेंडर मंगाने की कवायद शुरू की गई है। जिससे साड़ी बांटने का काम अप्रैल माह के बाद ही संभव हो सकेगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार 5 फरवरी को पहला टेंडर निरस्त हो गया है। उसके स्थान पर दूसरा टेंडर प्रकाशित किया जा रहा है । इसमें कम से कम एक माह का समय लगेगा इसके अलावा साड़ी की सप्लाई के लिए न्यूनतम 2 माह का समय दिया जाएगा। इस सारी प्रक्रिया में कम से कम 3 माह का समय लगेगा। जिसके कारण अप्रैल-मई के बाद ही साड़ी वितरित की जा सकेंगी।
उल्लेखनीय है कि साड़ी वितरण को लेकर नेता प्रतिपक्ष और प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इसमें घोटाले के आरोप लगाए थे । जिसको देखते हुए सरकार अब किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहती है। पुनः टेंडर बुलाकर क्वालिटी टेस्ट कराने के बाद ही अब साड़ियां खरीदी जाएंगी।