जयपुर,राजस्थान में तीन उपचुनावों में हार का असर अब बीजेपी में दिखने लगा है। पार्टी के रामगढ़ के विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने कहा है कि बहुत जल्द ही वह बड़ा खुलासा करने वाले हैं। बता दें कि इससे पहले राजस्थान बीजेपी ने अनुशासनहीनता के आरोप में ज्ञानदेव को पार्टी से निलंबित करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व से सिफारिश कर दी है। ज्ञानदेव का एक ऑडियो सामने आया था। इसमें उन्होंने एक भाजपा कार्यकर्ता से यह कहा था कि राजस्थान के उपचुनाव में हार मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी की वजह से हुई है। अगर राज्य में पार्टी के हालात मजबूत करने हैं तो इन दोनों को बदलना होगा। इस ऑडियो के सामने आने के बाद जब ज्ञानदेव आहूजा से पूछा गया था कि क्या ऑडियो में उन्हीं की आवाज है, तो उन्होंने कहा था कि हां, मेरी आवाज है और मैंने जो कुछ कहा है, वही सच है। इसके बाद अलवर लोकसभा सीट पर हार चुके प्रत्याशी और राज्य के श्रम मंत्री जसवंत सिंह यादव पर भी ज्ञानदेव ने गंभीर आरोप लगाए थे। इस सब से नाराज होकर बीजेपी की अनुशासन समिति ने आहूजा के निलंबन की सिफारिश कर दी है। माना जा रहा है कि राजस्थान का बीजेपी नेतृत्व आहूजा को सबक सिखा कर पार्टी में यह संदेश देना चाहता है कि किसी विरोधी आवाज को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालांकि भाजपा विधायक घनश्याम तिवारी खुलेआम वसुंधरा राजे के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं और रोज बयानबाजी कर रहे हैं, लेकिन उनका निलंबन नहीं किया गया। ऐसे में आहूजा के निलंबन पर सवाल उठ रहे हैं। कहा जा रहा है कि आहूजा मंत्री नहीं बनाए जाने से लंबे समय से वसुंधरा राजे से नाराज थे। वह अलवर से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने टिकट नहीं दिया था। बता दें कि ज्ञानदेव आहूजा ने जब वसुंधरा राजे को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जा रहा था, तो उनके पक्ष में केंद्रीय नेतृत्व के खिलाफ बयानबाजी की थी। इसके बाद जेएनयू में लाखों की संख्या में कंडोम मिलने के अपने बयान को लेकर भी वह सुर्खियों में रहे थे। बाद में गौ तस्करी के आरोप में मारे गए गुलफाम के आरोपियों के पक्ष में भी आहूजा ने जमकर बयानबाजी की थी।