लखनऊ,उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिये चार लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपये का बजट पेश किया। यह पिछले वित्तीय वर्ष के बजट के सापेक्ष 11.4 प्रतिशत ज्यादा है। वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट में 14 हजार 341 करोड़ 89 लाख रुपये की नई योजनाओं के प्रस्ताव किए हैं। यह उनका दूसरा बजट है। बजट प्रस्तावों में राजकोषीय घाटा 44 हजार 53 करोड़ 32 लाख रुपये और अंतिम शेष एक हजार 284 करोड़ 23 लाख होना अनुमानित है।
राजेश अग्रवाल ने बजट भाषण की शुरूआत श्रीराम और श्रीकृष्ण को प्रणाम करते हुए राज्य सरकार की उपलब्धियां गिनायीं। पिछली सरकारों की आलोचना करते हुए उन्होंने उन पर व्यर्थ कार्यों पर धन खर्च करके खजाना लगभग खाली करने और राज्य को विषम वित्तीय स्थिति में फंसाने का आरोप लगाया।इसी संदर्भ में उन्होंने यह शेयर साहिल से मुस्कुरा कर तमाशा ना देखिये,हमने यह खस्ता नाव तो विरासत में पायी है’ पढ़कर विपक्ष पर कटाक्ष किया। अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा सरकार राज्य के सर्वांगीण विकास के लिये संकल्पबद्ध है। विधानसभा में वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल की ओर से पेश बजट में कृषि, ग्रामीण, बुनियादी ढांचा विकास, रोजगार एवं आजीविका जैसे क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया गया है। बजट में 14,341.89 करोड़ रुपये की नई योजनायें शामिल की गयी हैं। वित्त मंत्री ने भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण को प्रणाम करते हुए शुरू किये गये बजट भाषण के दौरान पिछली सरकारों पर आरोप लगाया कि विगत सरकारों ने व्यर्थ कार्यों में खर्च कर खजाना लगभग खाली करते हुए सूबे को विषम वित्तीय स्थिति की तरफ धकेल दिया था। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पबद्ध है। प्रस्तुत बजट में बजट में 2018-19 में 4,20,899.46 करोड़ रुपये की कुल प्राप्तियाँ अनुमानित हैं। कुल प्राप्तियों में 3,48,619.37 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियाँ तथा 72,280.09 करोड़ रुपये की पूँजीगत प्राप्तियाँ सम्मिलित हैं। बजट दस्तावेज के मुताबिक राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 2,56,248.40 करोड़ रुपये है। इसमें स्वयं का कर राजस्व 1,22,700 करोड़ रुपये तथा केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 1,33,548.40 करोड़ रुपये सम्मिलित है। विधानसभा में वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल की ओर से पेश बजट में कृषि, ग्रामीण, बुनियादी ढांचा विकास, रोजगार एवं आजीविका जैसे क्षेत्रों पर विशेष जोर दिया गया है। बजट में 14,341.89 करोड़ रुपये की नई योजनायें शामिल की गयी हैं। वित्त मंत्री ने भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण को प्रणाम करते हुए शुरू किये गये बजट भाषण के दौरान पिछली सरकारों पर आरोप लगाया कि विगत सरकारों ने व्यर्थ कार्यों में खर्च कर खजाना लगभग खाली करते हुए सूबे को विषम वित्तीय स्थिति की तरफ धकेल दिया था। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए संकल्पबद्ध है। प्रस्तुत बजट में बजट में 2018-19 में 4,20,899.46 करोड़ रुपये की कुल प्राप्तियाँ अनुमानित हैं। कुल प्राप्तियों में 3,48,619.37 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियाँ तथा 72,280.09 करोड़ रुपये की पूँजीगत प्राप्तियाँ सम्मिलित हैं। बजट दस्तावेज के मुताबिक राजस्व प्राप्तियों में कर राजस्व का अंश 2,56,248.40 करोड़ रुपये है। इसमें स्वयं का कर राजस्व 1,22,700 करोड़ रुपये तथा केन्द्रीय करों में राज्य का अंश 1,33,548.40 करोड़ रुपये सम्मिलित है। बजट में पेश व्यय के ब्यौरे के मुताबिक कुल व्यय 4,28,384.52 करोड़ रुपये अनुमानित है। कुल व्यय में 3,21,520.27 करोड़ रुपये राजस्व लेखे का व्यय है तथा 1,06,864.25 करोड़ रुपये पूँजी लेखे का व्यय है। वर्ष 2018-2019 में 27,099.10 करोड़ रुपये की राजस्व की बचत अनुमानित है। वित्तीय वर्ष 2018-2019 में 44,053.32 करोड़ रुपये का राजकोषीय घाटा अनुमानित है, जो वर्ष 2018-2019 के लिए अनुमानित सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.96 प्रतिशत है। राज्य की ऋणग्रस्तता सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 29.8 प्रतिशत अनुमानित है। समेकित निधि की प्राप्तियों से कुल व्यय घटाने के पश्चात 7,485.06 करोड़ रुपये का घाटा अनुमानित है। लोक लेखे से 8,100 करोड़ रुपये की शुद्ध प्राप्तियाँ अनुमानित हैं। वर्ष 2018-2019 में समस्त लेन-देन का शुद्ध परिणाम 614.94 करोड़ रुपये अनुमानित है। वर्ष 2018-2019 में प्रारम्भिक शेष 669.29 करोड़ रुपये को हिसाब में लेते हुये अन्तिम शेष 1,284.23 करोड़ रुपये होना अनुमानित है।प्रस्तुत बजट में वर्ष 2018-19 में खाद्य उत्पादन का लक्ष्य 581 लाख 60 हजार मीट्रिक टन तथा तिलहन उत्पादन का लक्ष्य 11 लाख 28 हजार मीट्रिक टन निर्धारित किया गया है। किसानों को कम ब्याज दर पर फसली ऋण उपलब्ध कराने हेतु सब्सिडी योजना के तहत 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था है तो उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण की योजना हेतु 100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय पशु स्वास्थ्य तथा रोग नियंत्रण कार्यक्रम हेतु 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में है। रबी खरीद वर्ष 2018-19 में 50 लाख मीट्रिक टन गेहूॅ खरीद का लक्ष्य तय किया गया है। वित्त मंत्री अग्रवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लिए वर्ष 2018-19 के बजट में 11 हजार 500 करोड़ रुपये और शहरी क्षेत्र के लिए 2217 करोड रूपये का प्रावधान किया गया है। स्मार्ट सिटी मिशन के लिए 1650 करोड रूपये की व्यवस्था है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) योजना के लिये वर्ष 2018-19 में 5,000 करोड़ रुपये और शहरी क्षेत्र के लिए 1100 करोड रूपये का प्रावधान है। औद्योगिक निवेश नीति-2012 के लिये 600 करोड़ रुपये तथा नई औद्योगिक नीति के लिए 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गयी है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्य के लिए वर्ष 2018-19 के बजट में 650 करोड़ रुपये की व्यवस्था है जबकि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे परियोजना के प्रारम्भिक कार्यों हेतु बजट में 550 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपये तथा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के निर्माण हेतु 500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गयी है। ‘एक जनपद-एक उत्पाद’ योजना को क्रियान्वित किये जाने के लिए 250 करोड़ रुपये तथा मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। ग्रामीण क्षेत्रों में 100 नये आयुर्वेदिक चिकित्सालयों की स्थापना का लक्ष्य रखा गया है। एसजीपीजीआई में रोबोटिक सर्जरी को प्रारम्भ किया जाना प्रस्तावित है जबकि केजीएमयू में आर्गन ट्रान्सप्लान्ट यूनिट स्थापित किये जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।प्रदेश में सड़कों के निर्माण कार्यों के लिए 11 हजार 343 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था है जबकि विशेष क्षेत्र कार्यक्रम के अन्तर्गत पूर्वांचल की विशेष परियोजनाओं के लिए 300 करोड़ रुपये तथा बुन्देलखण्ड की विशेष योजनाओं के लिये 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। ऊर्जा क्षेत्र की योजनाओं हेतु वर्ष 2018-2019 में 29 हजार 883 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। ‘‘सौर ऊर्जा नीति-2017’’ में निजी सहभागिता से 2022 तक कुल 10 हजार 700 मेगावाट क्षमता की सौर विद्युत परियोजनायें स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। प्रदेश में मेट्रो परियोजनाओं के लिए 500 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया गया है। लखनऊ सहित प्रदेश के समस्त विकास प्राधिकरणों के विकास क्षेत्र तथा नगर क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं के विकास के नए कार्यों हेतु 300 करोड़ रुपये का प्रावधान है। कुम्भ मेला 2019 हेतु बजट में एक हजार 500 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। सामान्य वर्ग एवं अनुसूचित जातियों के कल्याण एवं विकास की योजनाओं के लिए लगभग सात हजार 858 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। प्रदेश में अल्पसंख्यकों के विकास एवं कल्याण की योजनाओं के लिए दो हजार 757 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है।बजट में कुम्भ सहित आध्यात्मिक आयोजनों और गोवंशीय पशुओं के रखरखाव पर भी खास ध्यान दिया है। बजट में अगले साल के शुरू में इलाहाबाद में आयोजित होने वाले कुम्भ मेले के लिये 1500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। ब्रज परिक्षेत्र में तीर्थ पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए ब्रज तीर्थ विकास परिषद की स्थापना की गई है। बजट में वहां अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिये 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। बजट में गाजियाबाद में कैलाश मानसरोवर भवन के निर्माण के लिये 94 करोड़ 26 लाख रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित की गयी है। छुट्टा पशुओं की समस्या को लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर खड़ी योगी सरकार ने गोवंशीय पशुओं के रखरखाव और छुट्टा पशुओं की समस्या को दूर करने के लिये बजट में कान्हा गौ-शाला एवं बेसहारा पशु आश्रय योजना के लिये 98 करोड़ 50 लाख रुपये की व्यवस्था की है। साथ ही देशी नस्ल की गायों के माध्यम से सर्वाधिक गौ दुग्ध उत्पादन करने वाले दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहित करने के लिये नई ’’नन्द बाबा पुरस्कार योजना’’ की मद में 52 लाख रुपये तथा ’’गोकुल पुरस्कार’’ के लिये 54 लाख रुपये की व्यवस्था भी की गयी है।