नई दिल्ली,पंजाब नेशनल बैंक महाघोटाले के आरोपी नीरव मोदी के साथ पीएम मोदी की तस्वीर पर घिरी केंद्र सरकार ने शुक्रवार को कांग्रेस पर करारा पलटवार किया है। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा,कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी तो पांच हजार करोड़ के नेशनल हेराल्ड केस में जमानत पर बाहर हैं और वो संसद में हम सभी मिलते हैं।अगर इस दौरान कोई राहुल गांधी के साथ मेरी तस्वीर क्लिक कर लेता है,तो इसका मतलब यह कतई नहीं होता कि मैंने भी उनके साथ अपराध किया है। उन्होंने कहा कि एक आधिकारिक कार्यक्रम में क्लिक की गई तस्वीर को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधना मूर्खतापूर्ण है।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि राहुल गांधी 13 सितंबर 2013 को नीरव मोदी के दिल्ली में आयोजित एक एग्जिबिशन का दौरा करते हैं और इसके अगले दिन 14 सितंबर 2013 और 27 सितंबर 2013 को इलाहाबाद बैंक की बैठक में मेहुल चोकसी की गीतांजलि जेम्स को 1550 करोड़ रुपये का कर्जे देने का विषय आता है, जिसका इलाहाबाद बैंक के तत्कालीन निदेशक दिनेश दुबे विरोध करते हैं। 14 सितंबर 2013 और 27 सितंबर 2013 को दो बार इलाहाबाद बैंक की मीटिंग में दिनेश दुबे के विरोध के वाबजूद गीतांजलि जेम्स को लोन मंजूर कर दिया जाता है। इस लेकर दिनेश दुबे पर दबाव बनाया जाता है,जिसका उन्होंने आज खुद जिक्र किया है। इसके बाद नवंबर 2013 में दिनेश दुबे ने आरबीआई और फिर वित्त सचिव से मामले की शिकायत की। इस पर वित्त सचिव मामले की जांच करने की बजाय दुबे से ही इस्तीफा देने को कहते हैं। उन्होंने सवाल दागा कि गीतांजलि जेम्स को लोन मंजूर कराने को लेकर वित्त सचिव पर किसका दबाव था। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि कांग्रेस बिना वजह आरोप न लगाए,ये महाघोटाला यूपीए सरकार के समय का है। हमारी सरकार में तो यह महाघोटाला पकड़ा गया। उन्होंने कांग्रेस पर सवाल दागा कि आखिर साल 2011 से 2014 तक किसी को इस बैंकिंग महाघपले की भनक क्यों नहीं लगी? उन्होंने दलील दी कि यह बैंक का घोटाला है, सरकार का घोटाला नहीं है। मोदी सरकार की चौकसी की वजह से यह घोटाला खुलकर सामने आया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि जो गलत कर्जे दिए गए, वो यूपीए सरकार की देन हैं और हम ये सब विरासत में मिला है। ये बैंक का घोटाला है, न कि सरकार का घोटाला है। लिहाजा इसके लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराना गलत है। उन्होंने कहा कि घोटाले का खुलासा होने के 24 घंटे के अंदर कार्रवाई की गई। इससे पहले भ्रष्टाचार मामले में इतनी जल्दी कार्रवाई आज तक कभी नहीं हुई। उन्होंने बार-बार दोहराया कि यह घोटाला बैंक के स्तर पर हुआ है और जब सरकार को इसकी जानकारी हुई, तो चुपचाप कार्रवाई की गई। बैंकिंग घोटाले में 36 कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।