लखनऊ,उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार कल विधानसभा में 2018—19 का बजट पेश करेगी। राज्य सरकार ने किसान कर्ज माफी के अपने चुनावी वायदे को पूरा करने के लिहाज से पिछले साल के बजट में कुछ विशेष प्रावधान किये थे। इस बार के बजट में प्रदेश के चहुंमुखी विकास के लिए प्रावधानों की संभावना है, जिनमें बुनियादी ढांचा और रोजगार पर विशेष जोर हो सकता है। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि बजट समाज के हर वर्ग और राज्य के हित में होगा । उधर,उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने आज अपने कार्यालय कक्ष में कल विधान सभा में पेश होने वाले वित्तीय वर्ष 2018-19 के बजट को प्रमुख सचिव वित्त संजीव मित्तल के साथ मिल कर अंतिम दिया। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, सडक एवं बिजली जैसे क्षेत्रों का ध्यान रखा जाएगा । बजट में जोर किस बात पर रहेगा, इस सवाल पर अग्रवाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश की कोई एक ऐसी योजना बता दीजिए, जिसके लिए धन आवंटित ना किया गया हो । हमने एक बात जरूर की है, जो पहले नहीं होती थी । वह यह कि फरवरी तक, खर्च एक एक रूपये का ब्यौरा आ गया है । हमने स्पष्ट कर दिया था कि अगला धन आवंटन तभी होगा, जब पूर्व के धन का हिसाब मिल जाएगा। सत्ता में आने के बाद योगी सरकार ने पिछले साल 3,84, 659.71 करोड रूपये का बजट पेश किया था । किसान कर्ज माफी के चुनावी वायदे को पूरा करने के लिए 36 हजार करोड रूपये का विशेष प्रावधान किया गया था। किसान कर्ज माफी भाजपा का बडा चुनावी वायदा था और इसे पूरा करना योगी सरकार के लिए एक चुनौती थी।
इसके साथ ही गांव, किसान, गरीब, युवा को रोजगार, पर्यटन, धर्म, विकास आदि को भी बजट में प्राथमिकता दी गई थी। यह बजट प्रदेश सरकार ने जब प्रस्तुत किया था तब सरकार बने महज साढ़े तीन माह ही हुए थे। कल यानी शुक्रवार को जब यह सरकार बजट प्रस्तुत करेगी तो उसमें सरकार के करीब साढ़े दस माह का अनुभव दिखेगा। बजट करीब 4.5 लाख करोड़ के करीब का होने का अनुमान है। यह बजट अब तक का सबसे बड़ा बजट होगा। इस बजट को 2019 के आम चुनाव की तैयारी बजट के रूप में भी देखा जा रहा है। 2019 के इस चुनाव में उत्तर प्रदेश की अहम भूमिका होगी। बजट में सरकार जन अपेक्षाओं पर खरा उतरने और जनता से किए वादों को पूरा करने की कोशिश करेगी। उद्योग के क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर और उद्योगों से रोजगार सृजन का इंतजाम इस बजट में दिखेगा। वन डिस्ट्रिक वन प्रॉडक्ट योजना पर फोकस रहेगा, इस योजना से भी अधिक से अधिक रोजगार सृजन का काम होगा। विभिन्न योजनाओं में किसानों को अनुदान दिया जा सकता है। बंद पड़ी सहकारी चीनी मिलों को खोलने का इंतजाम बजट में दिखने के आसार हैं। बजट में मूलभूत सुविधाओं पर भी विशेष फोकस रहेगा। केंद्र सरकार की प्राथमिकता वाली योजनाओं के लिए बजट से भारी भरकम धनराशि दी जाएगी। ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों की स्थापना पर अनुदान दिए जाने की घोषणा हो सकती है।