अलीगढ़,प्रमुख सचिव बनकर एक सिरफिरे ने डीएम को ही स्थानांतरण की धमकी दे डाली। कहने लगा, आप जानते नहीं, मैं प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा बोल रहा हूं। डीएम ने सचिवालय में तस्दीक की तो सच्चाई सामने आ गई। सिरफिरे को गिरतार कर जेल भेज दिया गया। आरोपी का कहना है कि उसने श्रम विभाग के अधिकारी का नंबर लेने के लिए फोन किया था। उसके मोबाइल में कई जिलों के अफसरों के नंबर मिले हैं।
मंगलवार को डीएम हृषिकेश भास्कर यशोद के सरकारी नंबर पर अनजान नंबर से कॉल आई। कॉलर ने खुद को प्रधानमंत्री कार्यालय में प्रमुख सचिव नृपेंद्र मिश्रा बताते हुए श्रम विभाग के अधिकारी का नंबर देने को कहा। फिर सरकारी विभागों पर आरोप लगाने लगा। डीएम को स्थानांतरण कराने की बात तक कह दी। डीएम ने प्रमुख सचिव कार्यालय से पुष्टि की तो पता चला कि इस नंबर से कोई कॉल नहीं की गई। खुद प्रमुख सचिव ने भी इसकी पुष्टि कर दी। फेक कॉल की बात सामने आने के बाद डीएम ने एसएसपी को कार्रवाई के लिए लिखा। नंबर टैस किया गया तो ये नंबर नृपेंद्र मिश्रा पुत्र राम निरंजन मिश्रा निवासी सिमरधरी, इगलास का निकला। पुलिस ने उसे घर से गिरतार कर मोबाइल जब्त कर लिया। डीएम की तहरीर पर धारा- 170, 506 के तहत रिपोर्ट दर्ज कर आरोपी को गिरतार कर लिया। इंस्पेक्टर इगलास अरविंद कुमार राठी ने बताया कि आरोपी को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया।
पहले लैंडलाइन नंबर मिलाया
मूलत: अमेठी निवासी नृपेंद्र ने डीएम का मोबाइल नंबर मिलाने से पहले लैंडलाइन पर संपर्क करने की कोशिश की थी। कॉल रिसीव नहीं हुई, तब मोबाइल नंबर मिलाया था। छह साल पहले वह इगलास में पेट्रोल पंप पर काम करता था। क्षेत्र के गांव सिमरधरी तरसारा निवासी अनिल ने बंद पड़े अपने घर में उसे आसरा दिया। पत्नी दो बेटे व एक बेटी के साथ वह यहां आकर रहने लगा। पेट्रोल पंप बंद होने पर उसने कोल्ड स्टोर में नौकरी कर ली।
प्रमुख सचिव के आगमन को लेकर जुटी रही पुलिस
प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए सर्विलांस टीम को छानबीन में लगाया गया था। कॉलर का मोबाइल नंबर टैस किया गया। आरोपी के बारे में और भी जानकारी जुटाई जा रही हैं।