उप्र में पाइपलाइन से गैस कनेक्शनों की संख्या 1 करोड़ करने का प्रयास,22 जनपदों में शुरू होगी योजना

लखनऊ,उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना से आज उनके कार्यालय कक्ष में भारत सरकार के संयुक्त सचिव पेट्रोलियम, आशीष चतुर्वेदी की अध्यक्षता में एक प्रतिनिधि मण्डल ने भेंट की और राज्य में पाइपलाइन गैस कनेक्शनों की संख्या 28 लाख से बढ़ाकर 01 करोड़ करने का प्रस्तुतिकरण भी दिया । वर्तमान में यह योजना प्रदेश के 22 जनपदों में पायलेट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू की जायेगी।
इस मौके पर महाना ने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय की यह पहल बहुत ही सराहनीय है। इसका लाभ प्रत्यक्ष और अप्रत्क्षय रूप से प्रदेश की जनता को मिलेगा। उन्होंने कहा कि गैस पाइपलाइन की सप्लाई से शहरों में प्रदूषण पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित हो सकेगा और लोगों को स्वच्छ वातावरण सुलभ होगा। साथ ही लोगों के धन की बचत भी होगी।
औद्योगिक विकास मंत्री ने कहा कि आगामी 21 एवं 22 फरवरी को राजधानी में आयोजित होने वाली इन्वेस्टर्स समिट के दौरान भारी-भरकम निवेश होने जा रहा है। देश के बड़े उद्योगपति यहां अपना उद्यम स्थापित करने को इच्छुक हैं। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम मंत्रालय ने प्रदेश में पाइलाइन के माध्यम से वृहद स्तर पर गैस सप्लाई की जो योजना बनाई है, इसका लाभ उद्योग जगत को भी मिलेगा। साथ ही इन्डस्ट्रियल गैस पाइपलाइन से इन्डस्ट्री में खपत होने वाले कोयले एवं डीजल की बचत होगी तथा प्रदूषण भी नहीं होगा। इसके अलावा उद्योगों को डीजल और कोयले के मुकाबले कम दाम में गैस भी सुलभ होगी।
संयुक्त सचिव, आशीष चतुर्वेदी ने बताया कि प्रथम चरण में गैस पाइपलाइन का जाल जिन 22 जनपदों बिछाया जायेगा, उनमें अलीगढ़, औरैया, छत्रपति साहूजी महाराजनगर नगर, इटावा, गोरखपुर, कानपुर देहात, कौशाम्बी, कुशीनगर, महामायानगर, मुजफ्फरनगर, प्रबुद्धनगर, प्रतापगढ़, रायबरेली, संतकबीर नगर, संतरविदास नगर, सुल्तानपुर, उन्नाव, बुलंदशहर, इलाहाबाद, मेरठ, मुरादाबाद तथा हापुड़ हैं। उन्होंने बताया कि इन जनपदों में सप्लाई की जाने वाली सीएनजी और पीएनजी गैस की कीमत डीजल और पेट्रोल से काफी कम होगी। यह गैस डीजल के रेट से 30 प्रतिशत तथा पेट्रोल से 50 प्रतिशत सस्ती होगी। इसके अलावा पर्यावरण पर इसका कोई निगेटिव इम्पैक्ट भी नहीं होगा।

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