सेना का जबाव, शहीदों का कोई धर्म नहीं होता

जम्मू,जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों में आतंकी हमलों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है। जम्मू के सुंजवां में 6 और श्रीनगर में 1 जवान शहीद हुए थे। इसके बाद एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने जवानों के धर्म पर बयान दिया था इसके सेना की ओर से करार जबाब देते हुए सेना ने साफ कहा है कि बयान देने वाले सेना को नहीं जानते हैं,शहीदों का कोई धर्म नहीं होता है। उन्होंने साफ कहा कि हम सेना में किसी की शहादत को सांप्रदायिक रंग नहीं देते हैं,सेना में सभी एक समान हैं। जो देश के खिलाफ हथियार उठाता है वह ही आतंकी है। बता दें कि सेना की ओर से ये बयान उस समय पर आया है जब ओवैसी ने कहा था कि जम्मू हमले में शहीद होने वाले 6 में से 5 जवान मुस्लिम हैं। सेना की नॉर्थन कमांड के चीफ लेफ्टिनेंट जनरल देवराज अनबू ने बुधवार को कहा कि इस वक्त दुश्मन पूरी तरह से परेशान है,क्योंकि वह बॉर्डर पर कुछ नहीं कर पा रहा है। इसके कारण अंदर घुसकर हमले कर रहा है।
उन्होंने कहा कि उरी हमले के बाद हमने करीब 364 करोड़ रुपए सेना के कैंपों की सुरक्षा पर खर्च किए हैं। हमारा लक्ष्य बॉर्डर पर घुसपैठ को रोकना है,जो भी घुसपैठ करता हुआ दिखा हमारा काम उस मारना ही है। वहीं देश में रहकर जो आतंकियों की मदद कर रहे हैं,उन्हें गिरफ्तार करना जरूरी है। लेफ्टिनेंट जनरल देवराज ने बताया कि पिछले एक साल में हमारी सेना ने आतंकियों के आकाओं को मार दिया है,हम टॉप कमांडर को खत्म कर रहे हैं। जिस तरह से बुरहान वानी के बाद कश्मीर के युवा आतंकी संगठनों से जुड़ रहे हैं,उनके परिजनों को इससे बचने के लिए सेना की मदद करनी होगी। उन्होंने कहा कि एक आतंकी की जिंदगी सिर्फ 6 से 8 महीने की होती है,जिसका अंत बहुत बुरा होता है। उन्होंने शहीदों पर उठ रहे राजनीतिक बयानबाजी का भी जवाब दिया। हमारे यहां सर्व धर्म स्थल के मंत्र का पालन होता है। मेजर आदित्य से जुड़े मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमारा इस घटना से मनोबल नहीं गिरा है। सरकार इस मुद्दे पर हमारे साथ है और मामला अभी कोर्ट में है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया 30 साल से कम उम्र के लोगों को अपनी ओर आकर्षित में सफल हो रहा है। हम सुरक्षा के मसले पर कोई समझौता नहीं कर सकते हैं।

 

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