अशोकनगर,अब तक सूखे की मार झेल रहे किसान खेतों में लहराती फसलें देख वम्पर पैदाबार की उम्मीद में थे। लेकिन सोमवार की शाम अचानक हवा और पानी के साथ आए ओलों ने किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया और फसल प्राकृतिक आपदा की भेंट चढ़ गई। बेमौसम बारिश ने किसानों की कमर तोड़ दी है। कहीं आंधी के साथ बारिश तो कहीं-कहीं ओले भी पड़े। बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने मुंगावली क्षेत्र के दो दर्जन से यादा गांवों में जमकर कहर बरपाया। इससे खेतों में खड़ी गेहूं, चना और मटर की फसल नष्ट हो गई। इससे आहत किसानों ने रोड़ पर जाम लगा दिया और नारेबाजी शुरू कर दी।
बीते रविवार को रिमझिम बारिश के बाद मौसम साफ होने लगा था। लेकिन सोमवार की शाम को मौसम ने फिर करवट बदल ली। मौसम में बदलाव आने से किसानों के भी होश उड़ गए। अचानक बदले मौसम के कारण तेज बारिश के साथ ओले भी गिरने लगे। जिससे मुंगावली एवं पिपरई तहसील के करीब दो दर्जन से अधिक गावें में किसानों के खेतों में खड़ी गेहूं, चना और मटर की फसल बुरी तरह चौपट हो गई। कुदरत के इस कहर से आहत किसानों में गुस्सा फैल गया। वहीं मंगलवार की दोपहर तक भी जब अधिकारी इन वर्वाद फसलों का सर्वे करने नहीं पहुंचे तो ग्राम थिगली और केशोपुर के गुस्साए किसानों ने गांव के पास से गुजरी मुख्य सड़क पर टैक्टर रख कर सड़क पर ही बेठ गये और जाम लगा दिया। ग्रामीणों द्वारा सरकार के खिलाफ में जमकर नारेबाजी की। यहां जाम लगने से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लग गईं। उधर जाम की सूचना मिलने पर भाजपा के कृषि मंत्री मौके पर पहुंचे और किसानों का समझाने का प्रयास किया। लेकिन किसान मानने को तैयान नहीं थी किसानों का कहना था कि अभी तक कोई अधिकारी कर्मचारी स्थिति देखने को नहीं आया है। वहीं भाजपा के मंत्री लालसिंह आर्य भी ओलावृष्टि से नष्ट हुई फसलों का जायजा लेने के लिये केशोपुर और थिगली गांव पहुंचे। लेकिन नाराज किसान उनकी कोई बात सुनने के लिए राजी नहीं हुए। किसानों द्वारा प्रभावित फसलों को बताते हुए विरोध जताया। ग्रामीणों ने दोनों मंत्रियों का घेराव कर लिया और झूठा आश्वासन नहीं चलेगा, वापिस जाओ के नारे लगाए गए।
किन फसलो को नुकसान:
किसानों के खेतों में खड़ी फसल ओलों की मार से सबसे अधिक धना, मसूर, चना सरसों में देखने मिला है धना पूर्ण रूप से झड़ कर नीचे गिर गया और जिस धना में फूल था बह भी पूर्ण रूप से नीचे गिर गया। चना कई खेतें में तो यह आलम था कि चने की घेटी टूटकर नीचे गिर गयी तो कई खेतो में चने नीचे पड़े थे। गेंहू की बाल पूर्ण झड़ गयी मात्र पेड़ा खड़ा रहगया या खेत में पूर्ण रूप से बिछ गया। मनो खेत में हरी चादर बिझी हो। वहीं पिपरई तहसीलदार शिरोमन सिंह कुशबाह ने बताया कि पटवारी के साथ हम क्रम से सभी गावों में फसलों के नुकसान का सर्ब कर रहे थे और आपके सभी खेतो देख उन्होंने भी सर्बे में स्वीकार किया कि नुकसान हुआ है। शाम करीब 4:30 बजे तक जाम हटवाया जब जा कर सड़क पर आवागमन प्राम्भ हुआ।
कलेक्टर ने किया ग्रामों का भ्रमण:
मंगलवार को तहसील पिपरई के ओला प्रभावित ग्रामों का कलेक्टर बीएस जामोद द्वारा भ्रमण किया गया तथा मौके पर पहुंचकर गत दिवस फसलों को ओलों से हुए नुकसान का जायजा लिया। उन्होंने कृषकों से कहा कि फसलों को हुए नुकसान का सर्वे दलों द्वारा सर्वे कराया जाएगा। सर्वे दल में कृषि, राजस्व तथा फसल बीमा के अधिकारी रहेगें। उन्होंने किसानों के खेतों मे जाकर प्रभावित फसलों को देखा एवं ओलो से फसल नुकसानी की जानकारी कृषकों से ली। उन्होंने ग्राम सिंघाडा में कृषक वीरेन्द्र के खेत में पहुंचकर ओले से प्रभावित मसूर की फसल, ग्राम खोकसी में कन्ईराम की मसूर की फसल, शिवराज सिंह की धनिया फसल, कृषक मन्नासिंह के खेत में बोई गई सरसों की फसल, ग्राम ढोडिया में रजूसिंह की गेहू फसल, भागीरथसिंह की धनिया की फसल, महेन्द्र सिंह की गेहू की फसल, गंगारामसिंह की मसूर की फसल, करतारसिंह यादव की मसूर की फसल, बाबूलालसिंह की तेवड़ा की फसल, कल्याणसिंह की चने की फसल को हएg नुकसान को देखा। भ्रमण के दौरान उप संचालक कृषि एसएस मरावी, फसल बीमा कंपनी के सचिन कुशवाह तथा रोहित जैन एवं संबंधित अधिकारी साथ थे।