जयपुर,राजस्थान में भाजपा सरकार पर गहराता संकट खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। पहले लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के हाथों मिली हार के बाद अब सीएम के बयान से विवाद हो गया है। मंगलवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के एक बयान के बाद राज्य में विवाद खड़ा हो गया है। सीएम वसुंधरा राजे ने कहा है कि सरकार की तरफ से वादे पूरे किए जाने की कोई गारंटी नहीं है। सीएम वसुंधरा राजे का ये बयान राज्य का बजट पेश करने के तुरंत बाद आया है। इस बजट में वसुंधरा सरकार ने कई लोकलुभावन वादे किए हैं। दरअसल सोमवार को सीएम वसुंधरा राजे ने अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया था,जिसमें उन्होंने कई बड़े और लोकलुभावन वादे किए। लेकिन जब प्रेस वार्ता में पूछा गया कि वादों को आचार संहिता लगने से पहले कैसे पूरा करेंगी तो सीएम वसुंधरा ने कहा कि इसकी कोई गारंटी नहीं है। वसुंधऱा ने सोमवार को बजट पेश करते हुए किसानों की कर्ज माफी का भी बड़ा एलान किया था। वसुंधरा के इस बयान विरोधियों को बैठे-बिठाए हमला करने का मौका मिल गया है। राजस्थान में सत्ता में वापसी को बेताब कांग्रेस की तरफ से सचिन पायलट ने मोर्चा संभाला। उन्होंने कहा कि अब बीजेपी खुद मान चुकी है कि उनका वक़्त पूरा हो गया है। बता दें कि सोमवार को वसुंधरा राजे ने अपनी सरकार के इस कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया था। इस बजट में उन्होंने किसानों का 50 हजार तक का कर्ज माफा करने की घोषणा की थी। इस कर्ज माफी से सरकार पर आठ हजार करोड़ रुपए का भार पड़ेगा। इतना ही नहीं वसुंधरा ने आठ महीने में एक लाख सरकारी नौकरियों की भी घोषणा की थी। इन सबके अलावा बजट में गरीबों को घर की रजिस्ट्री पर छूट देने का एलान भी किया गया था। अब ईडब्लूएस के मकान पर 2 प्रतिशत ब्याज की बजाय 1 प्रतिशत ड्यूटी लगेगी। वहीं यह भी घोषणा हुई थी कि राजकीय आईटीआई को डिजिटल इंडिया योजना से जोड़ा जाएगा।