मोबाइल के आयातित पुर्जों पर अप्रैल से लग सकती है इंपोर्ट ड्यूटी

नई दिल्ली,सरकार पॉपुलेटेड प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (पीसीबी), कैमरा मॉड्यूल और कनेक्टर के आयात पर अप्रैल से कस्टम ड्यूटी लगा सकती है। यह जानकारी सीनियर सरकारी अधिकारियों ने दी है। इन उपकरणों का उपयोग मोबाइल फोन बनाने में होता है। उम्मीद है कि सरकार के इस निर्णय से स्थानीय स्तर पर इन उपकरणों के उत्पादन को प्रोत्साहन मिलेगा। घटनाक्रम से वाकिफ एक सूत्र ने बताया, ‘पीसीबी असेंबली, कैमरा मॉड्यूल और कनेक्टर पर ड्यूटी लगाने का प्रस्ताव इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मिनिस्ट्री ने भेजा था।’ इंडस्ट्री के लोगों के मुताबिक, मोबाइल फोन बनाने की लागत में 50 फीसदी तक हिस्सा पीसीबी का होता है। इनकी लोकल असेंबली होने से न केवल वैल्यू एडिशन का स्तर मौजूदा 10 फीसदी से ज्यादा हो जाएगा, बल्कि कंपोनेंट बनाने वाली कंपनियों को भारत में कारखाने लगाने का प्रोत्साहन भी मिलेगा। यह बदलाव अगले वित्त वर्ष से लागू होगा ताकि इसका मिलान चरणबद्ध निर्माण कार्यक्रम से हो सके। यह प्रोग्राम लंबी अवधि की एक योजना है जिसका मकसद मोबाइल फोन सेगमेंट में विभिन्न उपकरणों के उत्पादन को बढ़ावा देना है।
पीएमपी बनाने में मंत्रालय के साथ काम कर चुकी फास्ट ट्रैक फोर्स के प्रेसिडेंट पंकज मोहिंद्रू ने कहा भारत वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्द्धा कर सकने वाली मोबाइल हैंडसेट और कंपोनेंट इंडस्ट्री बनाने के लिए जोरशोर से काम कर रहा है। लिहाजा इंपोर्ट्स को हतोत्साहित करने की प्रक्रिया जारी रहेगी और ऐसा करते हुए लंबी अवधि में प्रतिस्पर्द्धा करने की क्षमता पर आंच नहीं आने दी जाएगी। सरकार ने पिछले साल मई में पीएमपी को नोटिफाई किया था ताकि कंपोनेंट्स और एक्सेसरीज पर टैक्स राहत और दूसरे लाभ देते हुए देश में मोबाइल फोन बनाने को प्रोत्साहन दिया जा सके। इसके चलते इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़ा इंपोर्ट बिल घटना चाहिए।
पहले चरण में पिछले साल जुलाई में पूरी तरह तैयार मोबाइल फोन पर 10 फीसदी इंपोर्ट ड्यूटी लगाई गई थी। उसके बाद दिसंबर में इसे बढ़ाकर 15 फीसदी किया गया और पहली फरवरी 2018 से इसे 20 फीसदी कर दिया गया। इस प्रोग्राम के मुताबिक, आयातित फोन और कंपोनेंट्स पर ड्यूटी लगाने से फीचर फोन की मैन्युफैक्चरिंग में वैल्यू एडीशन या देश में तैयार कंपोनेंट्स का हिस्सा करीब 15 फीसदी से बढ़कर 37 फीसदी हो जाएगा और स्मार्टफोन के मामले में यह हिस्सा लगभग दस फीसदी से बढ़कर 26 फीसदी हो जाएगा। सरकार के सितंबर 2014 में शुरू किए गए मेक इन इंडिया अभियान में मोबाइल फोन इंडस्ट्री का मुख्य स्थान रहा है। शुरू होने के तीन साल के भीतर एपल, सैमसंग, शाओमी, ओपो, वीवो और दूसरे ब्रांड्स की फोन और कंपोनेंट बनाने वाली 107 नई यूनिट्स लगाई जा चुकी हैं। वैल्यू और वॉल्यूम, दोनों लिहाज से मोबाइल फोन इंडस्ट्री की ग्रोथ साल दर साल बढ़ रही है। मोबाइल फोन का आयात घट रहा है। सन 2017 में 6 करोड़ मोबाइल यूनिटों का आयात किया गया, जो सन 2016 के मुकाबले 52 फीसदी कम है।

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