अशोकनगर, खनन माफिया ने सिंध नदी के 100 मीटर दूर तक खदान स्वीकृत नहीं किये जाने और इस सीमा में खनन नहीं कर सकने के सरकारी नियमों की धज्जियाँ उड़ाते हुए सिंध नदी में उतरकर ही बजरी निकालने के काम में जुटे हुए हैं। प्रशासन इन सब से अनजान बने हुए हैं।
जिला मुख्यालय से करीब 45 किमी दूर ग्राम सोनेरा चक्क से पास सिंध नदी में माफिया दिन रात खनन करके लाखों रुपया की बजरी हर रोज निकाल रहे हैं। इस अवैध बजरी आने-जाने की खबर नदी किनारे स्थित खेत मालिक रखते हैं। यही बजह है कि नदी में से निकालकर बजरी को खेत में एकत्रित कर वहां से ट्रैक्टर-ट्रालियों में भरकर जगह-जगह माफियाओ द्वारा भेजा जाता है। ग्राम सौनेरा चक्क के पास दुधारो घाट, सोवत घाट, लहर घाट, रेंझा घाट आदि जगहों से जगह-जगह रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। नदी से रेत का अवैध उत्खनन कर ट्रैक्ट्रट-ट्रालियों के द्वारा आरोन की तरफ ले जा रहे हैं तो कुछ लोग खेत में बजरी को एकत्रित कर रहे हैं। बीच नदी में से निकाली जा रही रेत से नदी की दशा भी बिगड़ रही है। नियमानुसार नदी तालाब से 100 मीटर दूर तक नहीं दी जाती कोई लीज। बिना रॉयल्टी के चल रहे अवैध कारोबार में शामिल लोगों से जब रॉयल्टी की जानकारी मांगी गई तो पल-पल पर गिरगिट जैसे बदलते दिखाई दिए। रॉयल्टी किसी के पास नहीं है।
क्या हैं हालत: सोनेरा चक्क गांव की सीमा से मात्र 5 किमी दूर सिंध नदी के दुधारो घाट से उत्खनन माफियाओ द्वारा रेत का अवैध कारोबार किया जा है। नदी में से निकलने वाली रेत को ट्रैक्टर-ट्रालियों से भेजने के लिए जगह-जगह से नए-नए रास्ते भी बनाए हैं। रेत लाने-ले जाने वाले ट्रैक्टर चालकों को ही इन रास्तों का सही पता है जो नदी से रेत भरकर ले जाते हैं। नदी तक जाने के लिए आरोन और सोनेरा साइड से बीच से कई रास्ते हैं। अनजान व्यक्ति को भटकाने के लिए ये रास्ते बना गए हैं। बजार में एक ट्राली बजरी दो हजार से अधिक कीमत में बेची जा रही है। ट्रैक्टर-ट्रालियों के मालिकों से नदी पर खड़े दबंगो द्वारा रायल्टी के नाम से बसूली भी की जा रही है। जबकि खनिज विभाग के पास यहां की रायल्टी की कोई जानकारी नहीं है न ही कोई रायल्टी अभी है। इससे खनिज माफिया सरकारी खनिज को हर तरफ से नुकसान पहुंचा रहे हैं। नदी में रेत का कारोबार कर रहे लोगों प्रभावशाली नेता के नाम को जोड़कर प्रशासन की कार्रवाई से बच रहे हैं। हालत यह है कि सिंध नदी से काफी मात्रा में बजरी निकाली जा चुकी है। हर रोज सैकड़ों ट्रैक्टर-ट्राली बजरी ले जा रहे हैं। समय रहते ध्यान नहीं दिया गया तो नदी के प्रभाव में परिवर्तन हो सकता है।
नदी किनारे मुखबीर तैनात: सिंध नदी के किनारे माफियाओं के लोग खेतों पर रहकर मुखबिरी करते हैं। सोनेरा के रास्ते से आने-जाने वाले दुपहिया, चारपहिया वाहन वालों पर ये नजर रखते हैं जब भी कोई वहां पहुंचता है तो वे बातचीत में ही पूरी तहकीकात कर लेते हैं। यदि उन्हें कोई गड़बड़ी दिखती है तो वे नेताओं का नाम लेकर बचने का प्रयास करते हैं।