पटना,बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि वे गठबंधन के नहीं बल्कि बिहार के मुख्यमंत्री हैं। हालाँकि उन्होंने विपक्ष के आरोपों को दरकिनार करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के सहयोग से बिहार के विकास को गति मिली है।
नीतीश ने ‘लोकसंवाद कार्यक्रम’ में भाग लेने के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत के सीमा की सुरक्षा के लिए आरएसएस कार्यकर्ताओं के जाने के बयान पर कहा कि अगर कोई नागरिक या संगठन ऐसा कहता है, तो इसमें कोई विवाद नहीं होना चाहिए।
पत्रकारों द्वारा अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में नीतीश कुमार ने कहा कि इस समस्या का समाधान और विवाद की समाप्ति दो तरीके से ही संभव है। पहला आपसी बातचीत के आधार पर और दूसरा न्यायालय के फैसले से। नीतीश ने एक बार फिर महागठबंधन की टूट की चर्चा करते हुए कहा, मेरे नेतृत्व में महागठबंधन को जो जनादेश मिला था वह भ्रष्टाचार से समझौता करने के लिए नहीं, बिहार की सेवा के लिए मिला था। उन्होंने लालू प्रसाद के चारा घोटाले मामले में फंसाए जाने के आरोपों पर बिना किसी के नाम लिए कहा, बताइए ना, 21 साल पहले के मामले में ट्रायल चल रहा है। इसमें मेरी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की क्या भूमिका हो सकती है?