भोपाल,प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियां फिर से बिजली की दरें बढ़ाने की तैयारी कर रही हैं। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दर में 2.32 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। कंपनियों ने दर बढ़ाने का जो प्रस्ताव दिया है, उसमें सबसे ज्यादा राहत उद्योगों को दी गई है। इसके तहत उद्योगों की बिजली दर में केवल 1.46 प्रतिशत ही दर बढ़ाने का प्रस्ताव है। प्रदेश में बिजली पहले से ही महंगी है और अगर रेट और बढ़ा दिए जाते हैं तो इसका सीधा असर उपभोक्ताओं के बजट पर पड़ेगा। बिजली दरों में वृद्धि का सबसे ज्यादा असर प्रदेश के किसानों पर पड़ेगा। बिजली कंपनियों ने कृषि पंप के लिए 7.92 और कृषि संबंधित उपयोग के लिए 6.74 प्रतिशत की दर से बिजली की दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है।
शॉपिंग माल पर 4.28 प्रतिशत बढ़ाने का ही प्रस्ताव है। ऐसे में कृषि पर बिजली की दर शॉपिंग मॉल और उद्योगों से तीन फीसदी से भी अधिक रहेगी। बिजली कंपनियों ने करीब 1306 करोड़ स्र्पए के घाटे को पूरा करने के लिए दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है। लेकिन, खास बात यह है कि लाइन लॉस और अन्य खर्चों पर बिजली कंपनियों का कोई नियंत्रण नहीं है। इस कारण इसकी सीधी मार आम जनता पर पड़ेगी। प्रदेश की तीनों बिजली कंपनियों पूर्व, मध्य और पश्चिम क्षेत्र कंपनियों ने कुल घाटा 1306 करोड़ का बताया है। इसमें पूर्व क्षेत्र ने 403 करोड़, मध्य क्षेत्र का 357 करोड़ और पश्चिम क्षेत्र कंपनी का घाटा 546 करोड़ स्र्पए है। इसमें सबसे कम घाटा मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी का है। भोपाल और ग्वालियर भी मध्य क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं। कंपनी इस घाटे की पूर्ति के लिए बिजली दरें बढ़ाना चाहती है।