नई दिल्ली,नोटबंदी को 15 महीने बीत गए हैं। इसके बाद भी रिजर्व बैंक लौटाए गए 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों की गिनती और उनकी प्रमाणिकता की जांच कर रहा है। यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत हासिल हुई है। आरबीआई ने बताया है कि रद्दी नोटों की 30 जून 2017 तक की गई गिनती के अनुसार इसकी संख्या 15.28 लाख करोड़ थी। नोटों की गिनती और उनकी जांच के लिए फिलहाल 59 सीवीपीएस (सॉफिस्टिकेटेड कंरसी वेरिफिकेशन एंड प्रोसेसिंग) मशीनें काम कर रही हैं। इसके अलावा बैंकों की 8 सीवीपीएस मशीनों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। इसके अलावा 7 सीवीपीएस मशीन को आरबीआई के रीजनल ऑफिसेस में लीज पर लगाई गई हैं। इन मशीनों की जानकारी के बारे सूचना गुप्त रखी गई है।
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी का ऐलान किया था। इसके तहत 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों का अवैधानिक कर दिया गया। साथ ही इन नोटों को एक तय समय-सीमा में बैंकों में जमा कराने वक्त दिया गया था।
99 प्रतिशत पुराने नोट लौटे
30 अगस्त 2017 को जारी 2016-17 की अपनी सालाना रिपोर्ट में आरबीआई ने कहा था कि 99 प्रतिशत पुराने नोट (15.28 लाख करोड़ रुपए) वापस बैंकों में आ चुकी है। 30 जून 2017 तक 15.44 लाख करोड़ में से केवल 16,050 करोड़ रुपए सिस्टम में वापस नहीं आए हैं। 8 नवंबर 2016 को 500 रुपए कीमत के 1716.5 करोड़ 1000 रुपए कीमत के 685.8 करोड़ रुपए चलन में थे। इस तरह इन नोटों की कुल कीमत 15.44 लाख करोड़ रुपए थी।