नईदिल्ली,युवावस्था के दौरान प्यूबर्टी (यौवन से संबंधित) हॉर्मोन सीखने की क्षमता को बाधित करते हैं। शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस तरह का बदलाव ये हॉर्मोन मस्तिष्क के एक खास हिस्से को प्रभावित करते हैं। इसलिए परीक्षा परिणाम भी प्रभावित हो रहे हैं। इससे युवा एकाग्र होकर पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते। विशेषज्ञों के अनुसार यौवन से संबंधित हॉर्मोन मस्तिष्क के फ्रंटल कॉर्टेक्स के लिए एक ‘स्वीच’ की तरह काम करता है, जो सीखने की क्षमता में बाधा पैदा करता है।
वहीं अब आधुनिक शहरी परिवेश में लड़कियां तनाव और मोटापे की समस्या के कारण समय से पहले जवान हो रही हैं, जो स्कूलों में उनके खराब प्रदर्शन और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ा है। जानवरों में जब प्यूबर्टी से संबंधित हॉर्मोन इंजेक्ट किया गया, तो शोधकर्ताओं ने उनके फ्रंटल कॉर्टेक्स के तंत्रिका संचार में महत्वपूर्ण बदलाव देखा। ये बदलाव फ्रंटल मस्तिष्क में हुए, जो सीखने, ध्यान देने तथा स्वभाव के नियंत्रण से जु़ड़ा है। विशेषज्ञों ने कहा, ‘हमारी जानकारी में यह पहला अध्ययन है, जो यह दर्शाने में कामयाब हुआ है कि यौवन से संबंधित हॉर्मोन कॉर्टेक्स के तंत्रिका संचार में बदलाव लाते हैं। इससे कई बदलावा आते हैं और युवा हो रहे किशोर अपनी पढ़ाई पर ध्यान नहीं दे पाते।