सजायाफ्ता झामुमो विधायक योगेंद्र महतो की विस सदस्यता खत्म

रांची, कोयला चोरी मामले में रामगढ़ की निचली अदालत द्वारा झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) योगेंद्र महतो उर्फ योगेंद्र प्रसाद को तीन साल सजा सुनाये जाने के दस दिन बाद विधानसभा अध्यक्ष दिनेश उरांव के आदेश से उनकी विधानसभा सदस्यता समाप्त करने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी गयी।
विधानसभा के अध्यक्ष दिनेश उरांव ने योगेंद्र महतो की सदस्यता को 31 जनवरी 2018 की तारीख से खत्म करने का आदेश जारी किया गया है। विधानसभा अध्यक्ष के आदेश के बाद शनिवार 10 फरवरी को इससे संबंधित अधिसूचना जारी की गयी। रामगढ़ के अनुमंडल न्यायाधीश ने रजरप्पा थाना में कोयला चोरी व तस्करी के मामले में दर्ज कांड संख्या 53/10 में योगेंद्र महतो को विगत 31 जुलाई 2018 को सजा सुनायी थी।
इससे पहले योगेंद्र महतो के नाम में विभिन्नता को लेकर विधानसभा अध्यक्ष ने महाधिवक्ता से राय मांगी थी। रामगढ़ की निचली अदालत ने कोयला चोरी में योगेंद्र महतो को सजा सुनायी थी, जबकि विधानसभा के निर्वाचित सदस्य के रुप में उनका नाम योगेंद्र प्रसाद दर्ज था, इसी को लेकर महाधिवक्ता से राय मांगी गयी थी। बताया गया है कि महाधिवक्ता द्वारा स्पष्ट किया गया कि दोनों नाम एक ही व्यक्ति का है, इसलिए उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार उनकी विधानसभा सदस्यता को तत्काल प्रभाव से खत्म कर देना चाहिए।
अदालत द्वारा योगेंद्र महतो को तीन साल की सजा सुनायी जाने के बाद सजा की अवधि समाप्त होने के बाद वे छह साल तक किसी भी तरह का चुनाव नहीं लड़ पाएंगे, इस तरह अब वे अगले नौ साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते है। गौरतलब है कि योगेंद्र प्रसाद गोमिया विधानसभा क्षेत्र से झामुमो टिकट पर निर्वाचित हुए थे।
लोक प्रतिनिधित्व कानून की धारा 8 के आलोक में दो वर्ष या उससे अधिक की अवधि के लिए दोषसिद्धि होने पर सदस्यता तत्काल प्रभाव से समाप्त करने का प्रावधान है।

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