हैदराबाद,अयोध्या मामले को अदालत से बाहर सुलझाने को लेकर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड में बगावत हो गई है।
हैदराबाद में चल रही ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के 26वें अधिवेशन में रविवार को कई निर्णय लिए गए। बोर्ड ने श्री श्री रविंशकर के साथ मिलकर मुहिम चलाने वाले कार्यकारिणी के वरिष्ठ सदस्य मौलाना सलमान नदवी को निकाल दिया है। इससे पहले हैदराबाद में हुई मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की बैठक में दो कार्यकारिणी सदस्यों कमाल फारूकी व डॉ.कासिम रसूल इलियास ने मौलाना नदवी का विरोध किया। उन्होंने कहा कि नदवी की बेंगलुरू में श्री श्री रविशंकर से मुलाकात और अयोध्या के विवादित स्थल से दूर मस्जिद के निर्माण की वकालत वाला बयान अनुशासनहीनता है। अन्य सदस्यों ने भी मांग पर सहमति जताई। इसके बाद बोर्ड नेतृत्व ने चार सदस्यीय कमेटी गठित की थी।
नदवी रुख पर अडिग
मौलाना सलमान नदवी अयोध्या पर अपने रुख पर कायम हैं। उन्होंने ऐलान किया है बोर्ड उन्हें निकालता है तो निकाल दे मगर अयोध्या विवाद को वार्ता से सुलझाने के लिए चलाई गई अपनी मुहिम से वह पीछे नहीं हटेंगे।
मस्जिद के लिए जारी रहेगी लड़ाई
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने कहा है कि बाबरी मस्जिद बनाने की लड़ाई जारी रहेगी। मस्जिद की जगह नहीं बदली जाएगी और जमीन भी किसी को तोहफे में नहीं दी जाएगी। गौरतलब है कि अयोध्या मसले पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। कोर्ट ने अब वाल्मीकि रामायण, रामचरितमानस और गीता सहित 20 धार्मिक पुस्तकों से इस्तेमाल किए तथ्यों का अंग्रेजी में अनुवाद करवाने का आदेश दिया है। यूपी सरकार को 2 हफ्ते में अनुवाद सभी पक्षकारों को देना होगा। अगली सुनवाई 14 मार्च को होगी।